सामाजिक चेतना रैलीरौ में आये नीतीश तो कहा हम नहीं करते अपना प्रचार और फिर डेढ़ घंटे तक गिनाई उपलब्धियां

रौ में आये नीतीश तो कहा हम नहीं करते अपना प्रचार और फिर डेढ़ घंटे तक गिनाई उपलब्धियां

सामाजिक चेतना रैली
रौ में आये नीतीश तो कहा हम नहीं करते अपना प्रचार और फिर डेढ़ घंटे तक गिनाई उपलब्धियां
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित बापू सभागार में जदयू समाज सुधार वाहिनी द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय सामाजिक चेतना महासम्मेलन का दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया। 

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मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास का लाभ तब तक असरदार नहीं होगा, जब तक सामाजिक कुरीतियों से छुटकारा नहीं मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए पार्टी के स्तर पर और वर्ष 2005 के नवंबर में सरकार में आने के बाद से काम किया है। समाज के हाशिए पर के लोगों को मुख्य धारा में लाने के लिए काम किए गए हैं। आधी आबादी को पुरुषों के समान अधिकार मिले, इसके लिए सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था और नगर निकायों के प्रतिनिधित्व में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। देश में ऐसा कहीं नहीं हुआ था। चुनाव के बाद 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं निर्वाचित होने के बाद निर्णय में हिस्सेदार बनीं। जनता की समस्याओं से अवगत हुईं और समाधान के लिए आगे आयीं।
 

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उलब्धियों का मायाजाल

मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबी के कारण माता-पिता अपनी बच्चियों को 5वीं कक्षा के बाद पोशाक के अभाव में स्कूल नहीं भेज पाते थे। हमलोगों ने मीडिल स्कूल की बच्चियों के लिए पोशाक योजना की शुरुआत की, जिससे लड़कियां स्कूल जाने लगीं। 9वीं कक्षा की बच्चियों के लिए साईकिल योजना की शुरुआत की। लड़कियां पोशाक पहनकर समूह में जब स्कूल जाने लगीं तो लोगों की मानसिकता बदली और सामाजिक वातावरण में बड़ा बदलाव आया। बाद में लड़कों के लिए भी साइकिल योजना की शुरुआत की गई। लड़कियों को आत्म रक्षा के लिए जुडो-कराटे, मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग की स्कूलों में शुरुआत की गई। गांधी मैदान में 30 हजार से ज्यादा लड़कियों ने इस कला का प्रदर्शन किया था। लड़कियों में आत्मविश्वास बढ़ा और जिंदगी में ऊंचाईयों को छूने के लिए एक सोच बनी। साइकिल योजना की शुरुआत के पूर्व 9वीं कक्षा जाने वाली लड़कियों की संख्या जहां 1 लाख 70 हजार थी, आज इनकी संख्या 9 लाख तक पहुंच चुकी है।

प्रजनन दर औऱ शिक्षा

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की बढ़ती जनसंख्या के कारणों का सर्वे कराने के दौरान पता चला कि दंपत्ति में अगर लड़की मैंट्रिक पास है तो प्रजनन दर 2 है। यह प्रजनन दर राष्ट्रीय स्तर पर भी है। दंपत्ति में अगर इंटर पास है तो प्रजनन दर राष्ट्रीय औसत से भी कम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने निर्णय किया कि अगर बेटियां इंटर पास हो जाएं तो जनसंख्या नियंत्रण में काफी सहुलियत होगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्लस टू तक की पढ़ाई के लिए स्कूल स्थापित करने का निर्णय किया। 1200 स्कूलों की स्थापना की जा चुकी है। 15वें वित्त आयोग के समक्ष और स्कूल खुलावने के अपने लक्ष्य के बारे में बताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लड़कियों के जन्म लेने के समय से ही सरकार उसके लिए काम कर रही है। लड़की जन्म लेने पर माता-पिता के खाते में 2 हजार रुपए जमा करा दिए जाएंगे। एक वर्ष

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होने पर आधार से लिंक होते ही 1 हजार रुपये, 2 वर्ष के अंदर पूर्ण टीकाकरण होने पर और 2 हजार यानि कुल 5 हजार रुपये माता-पिता के खाते में जमा करा दिया जाएगा। लड़कियों की पोशाक की राशि पहले से दूसरे क्लास के लिए 4 सौ रूपये से बढ़ाकर 6 सौ रुपये, तीसरी से पांचवीं के लिए 500 से बढ़ाकर 700, छठी से आठवीं क्लास के लिए 700 से बढ़ाकर 1000 एवं नौवीं से 12वीं क्लास के लिए 1000 से बढ़ाकर 1500 रुपये कर दिया गया है। सातवीं से 12वीं क्लास की लड़कियों के लिए दिए जा रहे सैनिटरी नैपकिन की राशि 150 रुपए से बढ़ाकर 300 रुपये कर दिया गया है। इंटरमीडिएट पास करने वाली अविवाहित लड़कियों को 10,000 रुपए एवं स्नातक पास करने वाली लड़कियां चाहे विवाहित हों या अविवाहित 25,000 रुपए की राशि दी जाएगी यानि बच्ची के जन्म लेने से स्नातक होने तक राज्य सरकार उस पर 54,100 रुपये खर्च कर रही है। इस योजना का नाम मुख्यमंत्री कन्या उत्थान रखा गया है। इसके अलावे अन्य छात्रवृत्ति एवं योजनाओं का लाभ पूर्ववत मिलता रहेगा।
 

8 लाख स्वंय सहायता समूह

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं में चेतना का विकास एवं आत्मविश्वास में वृद्धि के लिए अभी तक 8 लाख से ज्यादा स्वयं सहायता समूह का गठन किया जा चुका है और इसे 10 लाख तक करने का लक्ष्य है। समूह से जुड़ने वाली महिलाओं को बैंक संबंधी, स्वरोजगार एवं राज्य सरकार से जुड़ी योजनाओं के लाभ की जानकारी भी मिलती है और उसका लाभ भी मिलता है। व्यक्तिगत तौर पर स्वयं सहायता समूह की महिलाएं जो पी0डी0एस0 (जन वितरण प्रणाली) दूकान चलाती हैं उनसे बात करने से पता चला कि उन्हें 6 हजार प्रतिमाह बचत भी हो रहा है और लोगों को सही ढंग से वितरण भी कर रही हैं। उनके खिलाफ
लाभान्वितों में कई असंतोष नहीं है। जीविका की महिलाएं स्वरोजगार के लिए जो ऋण बैंक से लेती हैं उसे समय पर चुका देती है, यह अपने आप में एक बड़ी बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 9 जुलाई 2015 को श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में महिला सशक्तिकरण के कार्यक्रम में कुछ महिलाओं ने शराबबंदी की मांग की और मैंने उनसे वादा किया था कि अगली बार सरकार में आने पर शराबबंदी लागू करेंगे। 01 अप्रैल 2016 से राज्य में नगर पालिकाओं एवं नगर निकायों में विदेशी शराब की बिक्री को छोड़कर शराबबंदी को लागू की गई। महिलाओं, युवाओं के द्वारा नगर निकायों एवं नगर पालिकाओं में भी शराब बंद करने के लिए काफी प्रदर्शन हुए और हमने निर्णय करते हुए 05 अप्रैल, 2016 से राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू की। 21 जनवरी 2017 को 4 करोड़ लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर शराबबंदी के पक्ष में अपना समर्थन जताया था।

फोन घुमाइए

किया गया है। एक टॉल फ्री नंबर भी बिजली के खंभे पर 18003456268 एवं 15545 लिखा मिलेगा, जिस पर आपलोग तुरंत सूचना दीजिएगा, उस पर त्वरित कार्रवाई होगी और आपको भी सूचित किया जाएगा। सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग शराब चुलायी के कार्य से जुड़े थे, उन्हें सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत वैकल्पिक रोजगार जैसे गो-पालन, दुकानदारी एवं जो भी उनके लिए उचित हो उसकी व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए 60 हजार से 1 लाख रुपए तक की राशि उपलब्ध करायी जाएगी। वैसे निर्धन परिवार जिन्हें किसी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, उन्हें भी इस योजना के तहत लाभ दिया जाएगा। स्वयं सहायता समूह के माध्यम से चिन्हित किया जा रहा है ताकि सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सके। ताड़ी के जगह पर नीरा का उपयोग स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है एवं इससे बनने वाला गुड़
 
के जन्म दिवस से आरंभ किया। बापू के चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष के अवसर पर यह अभियान चलाकर हमलोगों ने बापू के प्रति अपनी सच्ची श्रद्धांजलि व्यक्त की। गांधी जयंती के 150वें वर्ष की शुरुआत हुई है, जो 2 वर्ष तक चलेगा। इस दौरान भी कई कार्यक्रम होंगे।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सब सामाजिक चेतना महासम्मेलन में शामिल हुए हैं। इस
सामाजिक कुरीति के खिलाफ अभियान चलाएं। दहेज लेने और देने वाले अपने किसी
नजदीकी की शादी में शामिल न हों, इसका व्यापक असर पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पाईप जलापूर्ति के माध्यम से शुद्ध पानी की व्यवस्था लोगों के
लिए किया जा रहा है। हर घर शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है। महिलाओं को शौच
के लिए सबसे अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ता था। शुद्ध पेयजल एवं खुले में शौच
 
से मुक्ति मिल जाने से कई तरह की बीमारियों से छुटकारा मिल जाएगा। महिलाएं शक्ति की प्रतीक मानी जाती हैं। आप सब समाज सुधार के इस अभियान में निरंतर लगे रहें और लोगों को प्रेरित करते रहें। लोगों के मन में यह भाव खुद पैदा होगा तभी सामाजिक सुधार पूर्णतः संभव होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के हर क्षेत्र में काम किया जा रहा है। सड़कों का निर्माण किया जा रहा है, हर घर तक बिजली पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। पक्की गली-नाली का निर्माण, हर घर नल का जल, शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है। कितने भी विकास के काम हो जाएं लेकिन जब तक सामाजिक कुरीति खत्म नहीं होगी विकास का पूर्ण लाभ सामने नहीं आएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को पहले पुलिस में
 

By Editor


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