लालू प्रसाद ने जनता दल युनाइटेड की अटकी हुई सांस में नया जीवन देते हुए उसके राज्यसभा उम्मीदवारों को वोट करने का फैसला सुना दिया है.
लालू ने कहा कि बिहार में समाजिक न्याय और सेक्युलरिज्म की रक्षा के लिए यह जरूरी था.
लालू यादव ने कहा कि सांप्रादायिक ताकतो को रोकना हमारा मकसद है। आगे की लड़ाई हम जीतेंगे। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव में भाजपा ने हार्स ट्रेडिंग किया, जिसकी जांच होनी चाहिए। बिहार सरकार को हम किसी भी तरह से अस्थिर नहीं होने देंगे।
राजद विधायक दल के बैठक में कुछ विधायक अनुपस्थित भी रहे। इनमें राघवेन्द्र प्रताप सिंह, केदार सिंह, चंद्रशेखर, भाई दिनेश और जितेंद्र राय शामिल हैं।
बताते चलें कि राज्यसभा के उपचुनाव में भाजपा की रणनीति ने नीतीश कुमार और लालू प्रसाद को फिर करीब ला दिया है। उपचुनाव में जदयू उम्मीदवारों की हार के डर से परेशान नीतीश ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद से मदद मांगी थी।
लालू की इस घोषणा से जद यू के उम्मीदवार पवन वर्मा और गुलाम रसूल बलियावी की जीत की उम्मीदें बढ़ गयी हैं. ध्यान रहे कि इन दोनों के खिलाफ दो निर्दलीय उम्मीदवार साबिर अली और अनिल शर्मा मैदान में थे. समझा जा रहा है कि इन्हें भाजपा की तरफ समर्थन की उम्मीद है. लेकिन लालू के खुला समर्थन के बाद अब भाजपा क्या रणनीति अपनाती है यह देखने की बात है.
विधानसभा में आरजेडी के 21 सदस्य हैं. 243 सदस्यीय विधानसभा में मौजूदा सदस्यों की कुल संख्या 232 है. उधर स्पीकर समेत जद यू के 117 सदस्य हैं जबकि भाजपा के सदस्यों की संख्या 84 है. कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टियों ने क्रमश: अपने एक एक सदस्ये के बल पर जदयू को सपोर्ट करने का फैसला कर लिया है. उधर माना जा रहा है कि 5 निर्दलीय भी जदयू के साथ आ सकते हैं. ऐसे में जद यू दोनों सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए पूरी उम्मीद लगा बैठा है.