कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय के पूर्व महानिदेशक बीके बंसल ने परिवार समेत आत्महत्या के पूर्व लिखे सूइसाइड नोट में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का जिक्र किया है।
अमित कुमार
भ्रष्टाचार के आरोपी बंसल ने आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप सीबीआई के डीआईजी संजीव गौतम पर लगाया है।
संजीव गौतम आईपीएस अधिकारी नहीं हैं, वह 1995 बैच के आईआरएस अधिकारी हैं। मोदी सरकार बनते ही 5 जून 2014 को इस आईआरएस अधिकारी को सीबीआई में डीआईजी बना दिया गया। भ्रष्टाचार के तमाम मामले इसी अधिकारी के जिम्मे है।
यह सीबीआई में भी खुलेआम धौंस जमाते हैं कि वह अमित शाह के नाक के बाल हैं। अपने वरीय अधिकारियों की तो छोड़िए सीबीआई के डायरेक्टर अनिल सिन्हा की भी नहीं सुनते! कथित तौर पर सीधे बीजेपी अध्यक्ष से फरमान लेकर काम करते हैं। ऐसे में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान का क्या हाल होगा, समझ सकते हैं. एक असंवैधानिक सत्ता तंत्र!
एक बड़ा सवाल है कि कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय के इस अधिकारी पर जुल्म सिर्फ भ्रष्टाचार के कारण ढाया जा रहा था, या, खुन्नस कुछ और है। मैंने लेटर का चौथा पेज सबसे पहले लगाया है जिसमें अमित शाह का नाम है। अब देखिये सीबीआई बीजेपी की विंग तो नहीं है!
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