सांसद शहाबुद्दीन के खिलाफ 256 पेज का एक गोपनीय दस्तावेज गायब हो जाने के बाद आईबी इसे पागलों की तरह खोजने में जुटी है पर इसका कहीं अता-पता नहीं चल रहा है.
विनायक वेजेता
शीर्ष खुफिया एजेंसी आईबी कार्यालय से भी ये दस्तावेज गायब हैं। हालांकि न तो पुलिस मुख्यालय और न ही आईबी का कोई अधिकारी इस संदर्भ में मुंह खोलने को तैयार हैं पर राज्य के एक पूर्व वरीय रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी ने इन गोपनीय दस्तावेज के गुम होने या उस फाइल में से कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज के गायब होने की बुधवार को पुष्टि की है.
वर्ष 2003 में देश की खुफिया एजेंसी और बिहार पुलिस ने मिलकर पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के खिलाफ 265 पन्नों का जो गोपनीय दस्तावेज तैयार किया था वह दस्तावेज रहस्यमय ढंग से गायब हो गए।
16 वर्ष की मेहनत से बना था यह दस्तावेज
यह दस्तावेज बीते 16 वर्ष के बीच कब, कैसे और कहां से गायब हुए इसका पता नहीं चल सका है। सीवान के पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के बाद जब पटना के डीजीपी कार्यालय, सीआईडी व स्पेशल ब्रांच में इन दसतावेजों की खजे की गई तो इस दस्तावेज को कोई अता-पता नहीं चल रहा।
उक्त रिटायर्ड अधिकारी ने बताया कि बुधवार की सुबह ही आईबी के एक अधिकारी का फोन उनके पास आया था जिन्होंनें इसकी सूचना उन्हें देते हुए उन्हें यह जानकारी दी तथा उनके पास इस दस्तावेज की कोई छाया प्रति होने पर उसे आईबी को उपलब्ध कराने का आग्रह किया पर रिटायर्ड उक्त अधिकारी के पास भी इस संबंधित दस्तावेज की कोई कॉपी नहीं है।
पत्रकार हत्या मामले में गिरफ्तारी
गौरतलब है कि 265 पेज के इस दस्तावेज में पूर्व सांसद शहाबुद्दीन पर 1986 से 1993 तक दर्ज हुए 49 मुकदमें का पूर्ण विवरण सहित कई गोपनीय टिप्पणी और पत्र संलग्न थे।
इधर सीवान में पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या का खुलासा करते हुए पुलिस ने हत्या में शामिल मासूम सा दिखने वाला युवा शूटर रोहित समेत हत्या में सहयोग देने वाले उसके चार सहयोगियों विजय, सोनू, रिशु व राकेश को गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से हत्या में प्रयुक्त 7.65 बोर का देशी पिस्टल व 3 मोटरसाइकिलें बरामद की गई हैं। हत्या का मास्टरमाईंड शहाबुद्दीन का सबसे विश्वस्त व दाहिना हाथ माना जाने वाला सीवान निवासी कुख्यात लड्डन मियां है जो फरार है पुलिस उसकी गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है।