शहीद डीएसपी जियाउल हक की पत्नी परवीन आजाद ने यूपी सरकार द्वारा ओएसडी की नौकरी लेने से साफ इनकार कर दिया है.
परवीन ने कहा, मुझे मेरे पति के पद के अलावा दूसरा कोई पद स्वीकार्य नही है.
मालूम हो कि परवीन के पति डीएसपी थे और पिछले दिनों कुंडा में एक हिंसा के दौरान उनकी हत्या कर दी गयी थी. परवीन बीडीएस तीसरे साल की छात्रा हैं.
इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें डीएसपी के समकक्ष वेतनमान पर ओएसडी( विशेष कार्य अधिकरी) की नौकरी दी थी. राज्य सरकार का तर्क था कि चूंकि डीएसपी के पद परराज्य लोकसेवा आयोग द्वारा नियुक्ति की जाती है इसलिए राज्य सरकार इसमें दखल नहीं दे सकती. राज्य सरकार का यह भी कहना था कि इससे पहले भी हिंसा में शहीद हुए पुलिस अधिकारियों की पत्नियों को ओएसडी के पद पर नियुक्त किया गया है.
परवीन ने राज्य सरकार के इस ऑफर को अस्वीकार करते हुए कहा है कि वह डीएसपी के अलावा कोई पद स्वीकार नहीं करेंगी. उन्होंने सांत्वना देने आये लोकतांत्रिक कांग्रेस के नेता हरिशंकर तिवारी से मिलने के बाद पत्रकारों से कहा मैं अपना संघर्ष जारी रखूंगी और यह लड़ाई अपने लिए नहीं बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए लड़ रही हूं कि भविष्य में कोई भी व्यक्ति खाकी वर्दी पर हाथ डालने की जुर्रत नहीं कर सके.
परवीन ने पिछले शनिवार को प्रतापगढ़ के कुंडा स्थित बलीपुर गांव में उनके पति डीएसपी जिया
उल हक को अकेला छोड़कर भागे पुलिसकर्मियों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग भी की. गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने अपने वादे के मुताबिक शुक्रवार रात परवीन को पुलिस विभाग के ओएसडी (कल्याण) पद पर गोरखपुर में नौकरी दी थी.