भारत में प्राइवेट मेडिकल कालेजों की आसमान छूती फीस के कारण विदेशी मेडिकल कालेजों की ओर छात्रों का रुझान तेजी से बढ़ता जा रहा है. लेकिन इस बारे में छात्रों और अभिभावकों को उचित मार्गदर्शन के बिना भटकना पड़ता है.
ऐसे में पटना का शाइन इंटरनेशनल विदेशों में मेडकल की पढ़ाई करने की चाहत रखने वाले छात्रों-अभिभावकों के लिए एक महत्वपूर्ण सहयोगी की भूमिका निभा रहा है.
साइन इंटरनेशनल ने पिछले 12 वर्षों में अब तक 600 छात्रों को फिलिपिंस, रसिया, उक्रेन, किर्गिस्तान आदि देशों में छात्रों को एमबीबीएस की शिक्षा के लिए भेजा है. शाइन इंटरनेशनल के निदेशक राज सिंह कहते हैं कि उनका संस्थान छात्रों के लिए बेहतरीन मेडिकल कालेजों के चयन, नामांकन और वहां भेजने के लिए तमाम तकनीकी सहायता प्रदान करता है. वह कहते हैं कि विदेशी मेडिकल कालेजों की भारत की मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त है. इतना ही नहीं उन मेडिकल कालेजों की मान्यता अमेरिका में भी है.
राज सिंह कहते हैं कि फिलिपिंस अंग्रेजी बोलने वाला दुनिया के बड़े देशों में शामिल है. इसलिए भारत के छात्र फिलिपिंस के मेडिकल कालेजो में नामांकन लेने को प्रातमिकता देते हैं क्योंकि वहां मेडिकल कालेजों में शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी है. इतना ही नहीं उन कालेजों में भारतीय पुस्तकों को केंद्र में रख कर शिक्षा दी जाती है.
फिलिपिंस के कालेजों से पासआउट छात्र मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की स्क्रिनिंग टेस्ट में आसानी से सफलता प्राप्त कर लेते हैं. राजकुमार ने कहा कि फिलिपिंस के कालेज दुनिया भर में प्लेसमेंट के मामले में सबसे आगे हैं.
पटना के बोरिंग रोड क्रासिंग पर वर्मा सेंटर के अपने कार्यालय में बात करते हुए राज ने एक सवाल के जवाब में बताया कि भारतीय छात्रों के लिए फिलिपिंस के हास्टलों में विशेष रूप से भारतीय कुक रखे गये हैं जो भारतीय व्यंजन परोसते हैं. इतना ही नहीं उनके लिए सेपरेट हास्टल का इंतजाम होता है जिससे उन्हें यह एहसास ही नहीं होता कि वे भारत से बाहर हैं.
राजकु सिंह कहते हैं कि शाइन इंटरनेशनल गरीब और टैलेंटेड छात्रों के लिए विशेष छात्रवृत्ति भी प्रदान करता है.