फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के पूर्व निदेशक व भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी त्रिपुरारी शरण ने पटना शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल (छोटा सिनेमा) के समापन समारोह के दौरान फिल्मकारों को संबोधित करते हुए कहा कि शॉर्ट फिल्म नये फिल्मकारों के लिए नये संभावनओ के द्वार खोलता है.
नौकरशाही डेस्क
उन्होंने कहा कि आज के दौर में फिल्मकारों के लिए माध्यम की बाढ़ आ गयी है. फिल्मकार शॉर्ट फिल्म को बौद्धिक विकास के लिए अपनाने के साथ – साथ व्यवसायिक रूप से भी अपना रहे हैं. नये फिल्मकारों को फिल्म बनाने की प्रक्रिया पर चर्चा हुए उन्होंने कहा कि अर्थपूर्ण सिनेमा के लिए प्रशिक्षण बहुत महत्व रखता है. साथ ही उन्होंने इस आयोजनों की जरूरत और महत्व को भी रेखांकित किया और युवा फिल्मकारों को पटकथा लेखन गुड़ भी सिखाया.
बता दें कि सिने सोसाईटी पटना, बिहार आर्ट थियेटर और रंगमाटी के द्वारा संयुक्त रूप से कालीदास रंगालय, पटना में आयोजित त्रि- दिवसीय पटना शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल (छोटा सिनेमा) का समापन हो गया. इस दौरान लगभग दो दर्जन शॉर्ट फिलमें दिखाई, जो बिहार के फिल्मकारों द्वारा निर्मित थे. कार्यक्रम का संयोजन कुमार रविकांत ने किया. पटना शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल (छोटा सिनेमा) के समापन समारोह के दौरान फिल्म विशेषज्ञ और सेवानिवृत आईएएस अधिकारी आर. एन. दास, कु. अनुपम , मो. सी.अंसारी, गौतम दास गुप्ता, प्रदीप गांगुली, रंजन सिन्हा, कुमार रविकांत आदि अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे.