– राज्यपाल से राजकुमार शुक्ल के पौत्र के साथ मिला शिष्टमंडल
पटना.

राजकुमार शुक्ल को नजरंदाज कर रही बिहार सरकार: राकजुमार शुक्ल स्मृति संस्थान

चंपारण सत्याग्रह के सूत्रधार राजकुमार शुक्ल की प्रासंगिकता को जीवंत बनाये रखने की मांग को लेकर राज्यपाल रामनाथ कोविंद से एक शिष्ठमंडल मिला. पंडित राजकुमार शुक्ल के विरासत को संजोने के लिए पंडित राकजुमार शुक्ल स्मृति संस्थान के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने पांच मांगे है रखी है. उन्होंने बताया है कि यदि शुक्ल जी नहीं होते तो गांधीजी बिहार नहीं आते और न ही उन्हें महात्मा की उपाधि मिलती. चंपारण सत्याग्रह आंदोलन में लड़ाई लड़ने वाले लोगों ने भी नही सोचा होगा कि सरकार इस तरह से इतनी महत्वपूर्ण विरासत को भुला देगी. सकारात्मक सोच के साथ उनके इस बलिदान को बिहार सरकार को राष्ट्रीय स्तर पर बताना चाहिए था साथ ही ऐसे विभूति को बिहार का ब्रांड एम्बेसडर बनाकर लड़ाई लड़ना चाहिए. राजकुमार शुक्ल स्मृति संस्थान के प्रतिनिधिगण के साथ शुक्ल जी के पौत्र रविभूषण राय ने मांग रखते हुए कहा कि पटना में शुक्ल जी की एक आदमक़द प्रतिमा किसी चौक चौराहे पर लगाई जाए. उनके जीवनी को पाठ्यपुस्तक में शामिल किया जाए. उनके ग्राम सत्वरिया को हेरिटेज ग्राम के रूप में विकसित कर आदर्श गांव बनाया जाये. उनके नाम पर किसी शिक्षण संस्थान का नामकरण किया जाये और उनकी जन्मतिथि और पुण्यतिथि राजकीय सम्मान समारोह के साथ प्रतिवर्ष मनाया जाये. शिष्टमंडल में राजेश भट्ट, पत्रकार, अमृशकांत, डॉ रमाकांत शर्मा, एल पी राय, अशोक भट्ट, चंद्र भूषण भट्ट, कुमार विनय भी साथ मौजूद रहे.

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