उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने गुणवक्ता युक्त कानूनी शिक्षा को हर आम-ओ-खास के लिए न्याय पाने का अनिवार्य जरिया करार दिया है।  न्यायमूर्ति मिश्रा ने नई दिल्‍ली में कहा कि देश में विधि के शासन को लागू किया जाना देश में कानूनी शिक्षा की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा, “ न्यायिक व्यवस्था, विधिक पेशा और कानूनी शिक्षा के बारे में विचार करने से यह पता चलता है कि गुणवक्तायुक्त कानूनी शिक्षा हर आम-ओ-खास व्यक्ति के लिए न्याय हासिल करने की अपरिहार्य शर्त है। ये तीनों हमारे जैसे संविधान सम्मत समाज के लिए जरूरी पूर्व शर्त हैं।

वह 10 वें कानून शिक्षक दिवस पुरस्कार वितरण समारोह के अवसर पर ‘राष्ट्र निर्माण में विधि शिक्षा की भूमिका’ विषयक संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन सोसाइटी ऑफ इंडियन लॉ फर्म (एसआईएलएफ) और मेनन इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल एडवोकेसी ट्रेनिंग (एमआईएलएटी) के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि विधि स्कूल कानूनी पेशेवरों को तैयार करने की जगह हैं, जो विधि के शासन के अमल के लिए प्रहरी के रूप में कार्य करते हैं और विकास में जबरदस्त योगदान देते हैं। विधि शिक्षा एक विज्ञान है जो कानून के छात्रों को परिपक्वता की भावना और समाज की समझ देता है और उन्हें नागरिक स्वतंत्रता के संरक्षक के रूप में उभरने के लिए ढालता है।  उन्होंने कहा, “ विधि शिक्षा एक विज्ञान है जो कानून के छात्रों को न केवल कुछ कानूनी प्रावधानों का ज्ञान देता है बल्कि परिपक्वता की भावना और समाज की समझ भी देता है जो उन्हें नागरिक स्वतंत्रता के संरक्षक के रूप में उभरने के लिए ढालता है।”

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427