गुजरात के अपहृत व्यवसायी में राजनेता के जुड़े होने की खबर अब बिहार में आम लोगों की बहस का मुद्दा बन गया है. इधर बिहार पुलिस इस मामले में जांच करने में जुट गयी है.
पुलिस इस मामले की जांच भी कर रही है कि छपरा के नयागांव में पुलिस की हथकड़ी में जकड़ कर रखा गया था, वह सरकारी हथकड़ी अपहरणकर्ताओं को कैसे और कहां से मिली. हालांकि गुजरात पुलिस जिस रंजीत को गिरफ्तार कर ले गयी है, उसके बारे में बताया जा रहा है कि उसके पिता झारखंड पुलिस में एएसआई हैं. ऐसे में हो सकता है कि वह हथकड़ी रंजीत ने अपने पिता से हथिया लिया हो.
मालूम हो कि हिंगोरा इंफ्रास्ट्रक्चर के मालिक हनीफ हिंगोरा के 23 वर्षीय बेटे सुहैल हिंगोरा का अपहरण करके बिहार लाया गया था. उसे छपरा के नयागांव में 25 दिनों तक रखा गया. हनीफ हिंगोरा के हवाले से खबर आयी थी कि उन्होंने अपने बेटे को 25 करोड़ रुपये की फिरौती देखर छुड़ाया था. हालांकि कुछ सूत्रों का कहना है कि फिरौती की रकमि 9 करोड़ रुपये थे.
इस पूरे अपहरण मामले में बिहार पुलिस अपना बचाव, यह कह कर कर रही है कि यह मामला बिहार पुलिस में दर्ज नहीं है इसलिए अपहरणकर्ता को वह रिमांड पर नहीं ले सकती. यह मामला दमन पुलिस में दर्ज है. वैसे पुलिस ने अलग से अपहरण में लगे लोगों की जांच के लिए एसटीएफ का दल लगा दिया है.
वैसे खबर है कि बिहार के आइजी (ऑपरेशन) अमित कुमार ने दमन के आइजी से संपर्क साधा है. दोनों अधिकारियों ने अपहरण के लोकेशन, छिपा कर रखे गये स्थान की जानकारी साझा की है. दोनों अधिकारी एक ही बैच के आइपीएस अधिकारी हैं.