मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार प्रदेश की नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थानों में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान लागू करने के लिए फरवरी में शुरू हो रहे विधानमंडल के बजट सत्र में विधेयक लायेगी।

श्री कुमार ने एक अणे मार्ग में राज्य सरकार की नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थानों में गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान लागू करने के संदर्भ में उच्चस्तरीय विमर्श किया। विमर्श में मुख्य सचिव दीपक कुमार, महाधिवक्ता ललित किशोर, अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार एवं मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विमर्श में महाधिवक्ता के कानूनी परामर्श के बाद यह निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार की नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थानों में गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान लागू करने के लिये अलग से अधिनियम बनाना आवश्यक है। उन्होंने अधिनियम बनाने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को निदेशित किया। उन्होंने निर्देश दिया कि अधिनियम को फरवरी माह में आरंभ हो रहे विधानमंडल सत्र में प्रस्तुत करने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाये और सभी प्रक्रियायें फरवरी माह के भीतर पूर्ण कर ली जायें।

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