सहनी पर भाजपा की घेराबंदी, गवाना पड़ सकता है परिषद की सदस्यता
भाजपा के खिलाफ आवाज़ उठाना मुकेश साहनी को भारी पड़ सकता है। भाजपा ने उन्हें औकात में लाने की तैयारी कर ली है।
24 सीटों के विधान परिषद के आगामी चुनाव में साहनी को एक सीट भी नहीं देने का ऐलान करके भाजपा ने उनकी मुश्किल बढ़ा दी है।
मुकेश साहनी का कार्यकाल 6 साल का नहीं है। ऐसे में उन्हें सदन में बने रहने के लिए कोई और रास्ता अपनाना होगा।
बिहार में विधान परिषद की आठ सीटों पर चुनाव होना है. एनडीए के अंदर सीट शेयरिंग को लेकर अभी सर्वसहमती वाली कोई बात सामने नहीं आई है. सभी दलें अपनी-अपनी तैयारी और सीटों को लेकर दावे पेश कर रही है. एनडीए की घटक दल वीआईपी के नेता मुकेश सहनी और बीजेपी के बीच बढ़ी तल्खी के दौरान अब एक बात सामने आ गयी है कि बीजेपी ने अपने कोटे से वीआईपी पार्टी को एक भी सीट नहीं देने का मन बना लिया है.
बिहार के डिप्टी सीएम व भाजपा नेता तारकिशोर प्रसाद ने यह स्पष्ट कर दिया है कि विधान परिषद की जिन 24 सीटों पर चुनाव होना है उनमें भाजपा अपने हिस्से की सीट मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी के साथ शेयर नहीं करेगी. डिप्टी सीएम ने कहा कि सभी सीटों पर एनडीए एक होकर लड़ेगा और सभी सीटों पर जीत होगी. लेकिन सीट शेयरिंग को लेकर उन्होंने स्पष्ट कहा कि विधान परिषद चुनाव में शेयरिंग की कहीं कोई बात नहीं है. गठबंधन विधानसभा के लिए हुआ है और वीआईपी को बीजेपी ने तब 11 सीटें दी.
तारकिशोर प्रसाद ने यह भी कहा कि वीआईपी के साथ विधान परिषद में सीट शेयरिंग की बात नहीं है फिर भी भाजपा ने उन्हें अपने कोटे की सीट से एमएलसी बनाया. उन्होंने यह भी कहा कि सभी सीटों पर एकजुट होकर चुनाव एनडीए लड़ेगा. बता दें कि भाजपा ने इस बार उन सभी 13 सीटों पर दावेदारी पेश की है जिसपर उनके उम्मीदवार पिछली बार जीते हैं. वहीं जदयू 12-12 के समझौते पर चुनाव लड़ने की बात कर रही है.