सांस्कृतिक सद्भावना मंच, बिहार केरल संस्कृति मंच, राजेन्द्र साहित्य परिषद आदि अनेक संस्थाओं की ओर से, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में, आज हिन्दी और भोजपुरी के वरिष्ठ कवि बलभद्र कल्याण का, उनके 89वें जन्म-दिवस पर, उत्साह पूर्वक अभिनंदन किया गया।
बड़ी संख्या में उपस्थित साहित्यकारों एवं साहित्य-प्रेमी प्रबुद्धजनों ने उन्हें पुष्प-हार और उपहार देकर उनको बधाई और शुभकामनाएं दी। इसके पूर्व उपरोक्त संस्थाओं तथा साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने रेशामी चादर तथा पुष्प-हार पहना कर श्री कल्याण का सार्वजनिक-सम्मान किया।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में डा सुलभ ने कहा कि, 90 के दशक में तथा इस सहस्राब्दि के आरंभ के दिनों में, जब पटना नगर में साहित्यिक गतिविधियों का लगभग अकाल सा पड़ गया था, बलभद्र कल्याण जी ने जागरण का एक रथ लेकर अपनी सायिकिल से हीं नगर के सुधी जन को उत्साहित करने निकल-पड़े।
राजेन्द्र साहित्य परिषद एवं अन्य संस्थाओं के तत्त्वावधान में इन्होंने विद्वानों के जन्मोत्सव, जयंतियां एवं अन्य साहित्यिक-आयोजनों की एक लड़ी और झड़ी हीं लगा दी। पटना का साहित्यिक और सांस्कृतिक चेतना फ़िर से झंकृत हुई। यही कारण रहा कि श्रीकल्याण स्वतः-स्फ़ुर्त ‘साहित्य-सारथी’ की लोक उपाधि से विभूषित हो गये। कल्याण जी अपने साहित्यिक अवदानों के साथ इस उत्प्रेरक कार्यों के लिये सदा स्मरण रखे जायेंगे। इनका दीर्घायुष्य समाज के लिये आवश्यक है। अस्तु सबकी ओर से उन्हें प्राप्त हो रहा मंगल-भाव साहित्य और समाज के लिये ही है।
डा सुलभ ने कहा कि श्री कल्याण के व्यापक अवदान का सम्मान करने के निमित्त सांस्कृतिक सद्भावना मंच की ओर से उनके समग्र का प्रकाशन भी शीघ्र होने वाला है।
समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित वरिष्ठ समालोचक डा शिववंश पाण्डेय ने विस्तार पूर्वक कल्याण जी के साहित्यिक अवदानों की चर्चा की.
इस अवसर पर सम्मेलन के उपाध्यक्ष नृपेन्द्र नाथ गुप्त, पं शिवदत्त मिश्र, डा निगम प्रकाश नारायण, रवि घोष, शंकर शरण मधुकर, आचार्य आनंद किशोर शास्त्री, राज कुमार प्रेमी, पं गणेश झा, श्रीकांत व्यास, आर प्रवेश, कृष्ण कन्हैया, नरेन्द्र देव, आनन्द मोहन झा, कृष्णा प्रसाद, नेहाल कुमार सिंह निर्मल, विष्णु प्रभाकर पाण्डेय, बा। बांके बिहारी साव, डा विजय कुमार सिन्हा, डा योगानंद ओझा, शशि भूषण उपाध्याय मधुप’, कमाल कोलुआ कमालपुरी तथा बच्चा ठाकुर ने भी अपने शुभोद्गार व्यक्त किये। मंच का संचालन योगेन्द्र प्रसाद मिश्र ने तथा धन्यवाद-ज्ञापन प्रबंध मंत्री कृष्ण रंजन सिंह ने किया।