सिक्किम कैडर के 2011 बैच आइएएस अधिकारी रवींद्र कुमार को पटना में 29 अगस्त को आयोजित खेल सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी विशेष खेल सम्मान से सम्मानित करेंगे। रवीन्द्र पहले ऐसे आईएएस हैं, जिन्होंने एवरेस्ट फतह किया है। वह साल 2013-14 में बिहार के सबसे बड़े स्पोर्ट्स पर्सन बन गए हैं। रवीन्द्र कुमार बेगूसराय के चैरिया बरियापुर ब्लॉक के बसही गांव के रहने वाले हैं। पश्चिम सिक्किम के सोरेंग में सब-डिवीजिनल मजिस्ट्रेट के पद पर कार्यरत रवीन्द्र कुमार कहते हैं कि यह सम्मान मेरे लिए गर्व की बात है।
नवीन चंद्र
आइएएस रवीन्द्र कुमार को जब सिक्किम कैडर मिला तो उन्हें 2011 में वहां आये भूकंप की याद आ गई। उन्होंने सोचा कि अगर पर्वतारोहण जानूंगा तो वैसी स्थिति आने पर लोगों की सेवा बेहतर तरीके से की जा सकेगी। ऐसे भी सिक्किम जैसे इलाकों पर छोटी-छोटी मोटी चोटियों पर चढ़ना आम बात है। धीरे-धीरे यह शौक उनकी खास रुचि बन गई। सबसे पहले रवीन्द्र कुमार ने लंबी दूरी तक जॉगिंग करना शुरू किया। रवीन्द्र कुमार ने दार्जिलिंग के हिमालयन माउंटेनिंग इंस्टीट्यूट से ट्रेनिंग ली। एवरेस्ट फतह करने में सिक्किम सरकार ने रवीन्द्र कुमार की पूरी मदद की।
यादगार यात्रा
साल 2013 में छह अप्रैल को सड़क मार्ग से काठमांडू पहुंचे। वहां से तकनीकी सामान लेकर नौ अप्रैल को 11 लोगों के साथ टीम अपने अभियान पर निकल गई। टीम का नेतृत्व नीरज राणा कर रहे थे। 19 मई दिन रविवार को सुबह आठ बजे आठ लोग माउंट एवरेस्ट पहुंच गए। आईएएस बनने से पहले रवींद्र इटली की शिपिंग फर्म फिनावल स्पा में नौकरी करते थे। इस दौरान वे प्रशांत महासागर में जहाज से सफर कर चुके हैं। रवीन्द्र कुमार की स्कूली पढ़ाई बेगूसराय में हुई। बारहवीं की पढ़ाई उन्होंने रांची के डीएवी जवाहर विद्या मंदिर से की। रवीन्द्र कुमार कहते हैं कि यह सम्मान मेरे लिए गर्व की बात है। अपनी माटी पर हमें सम्मानित किया, जायेगा यह मेरे अगले अभियान में हौसला बढ़ाने का काम करेगा। वे कहते हैं कि युवाओं को पर्वतारोहण के क्षेत्र में आगे आना चाहिए।