बिहार के प्रशासनिक इतिहास में पहली बार हुआ है कि मुख्यमंत्री कार्यालय में जुड़ा कोई भी आइएएस अधिकारी मुख्यमंत्री के कार्यों में सहयोग के लिए पूर्णकालिक नहीं बचा है। अभी सीएमओ से चार आइएएस और वन सेवा के अधिकारी संबध हैं। इन पांचों के जिम्मे कहीं न कहीं अन्य विभागों के प्रभार में भी हैं। अब तो यह समझ पाना भी मुश्किल हो गया है कि इन अधिकारियों का मूल पदस्थापन कहां है और कहां प्रभार में हैं। कल तक सीएमओ में पूर्णकालिक रूप से जुड़े अतीश चंद्र के जिम्मे भी सूचना व जनसंपर्क विभाग का अतिरिक्त प्रभार दे दिया है।
वीरेंद्र यादव
चार आइएएस अधिकारी दीपक कुमार, अमृतलाल मीणा, अतीश चंद्रा और संजय कुमार सिंह तथा वनसेवा के अधिकारी गोपाल सिंह सीएमओ से जुड़े हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के भी प्रधान सचिव हैं। मुख्यमंत्री के ओएसडी अमृतलाल मीणा कृषि विभाग के प्रधान सचिव हैं। उनके पास कृषि उत्पाद आयुक्त का जिम्मा भी है। मुख्यमंत्री के सचिव संजय कुमार सिंह बिजली कंपनी में भी पदस्थापित हैं। वन सेवा अधिकारी डॉ गोपाल सिंह मुख्यमंत्री कार्यालय में विशेष कार्य पदाधिकारी हैं। अब तक अतीश चंद्रा ही पिछेल चार वर्षों से बिना किसी प्रभार के सीएमओ से जुड़े हुए थे। उन्हें भी अब आइपीआरडी में सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया गया।
यह भी संयोग है कि विपक्ष आरोप लगाता रहा है कि सत्ता का संचालन पूर्व सीएम नीतीश कुमार के आवास 7 सर्कुलर रोड से हो रहा है। उधर सीएम हाउस को प्रशासनिक तौर से कमजोर होते जाने का संकेत भी मिल रहा है। यह कहीं न कहीं मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के प्रशासनिक कौशल और निर्णय प्रक्रिया में उनकी सीमित होती भूमिका पर सवाल खड़े करते हैं।