केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि सी-सैट मामले का हल एक सप्ताह में कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय भाषाओं के छात्रों के हितों का सरकार पूरा ख्याल रखेगी । इसके साथ ही भरोसा दिलाया कि तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट भी जल्द आ जाएगी।
इस बीच, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिखकर यूपीएससी विवाद में उनके हस्तक्षेप की मांग की, क्योंकि प्रदेश से काफी संख्या में हिन्दी माध्यम के छात्र हर साल इस प्रतिष्ठित परीक्षा में शामिल होते हैं। दिल्ली में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि यूपीएससी मुद्दे का हल एक हफ्ते में हो जाएगा। उन्होंने ने बताया कि प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद इसका हल निकालने का तरीका खोजने के लिए रविवार को एक बैठक की गयी थी। एक सवाल के जवाब में गृहमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा नियुक्त तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट जल्द आ जाएगी। यह समिति ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों को प्रतियोगिता का समान स्तर मुहैया करने के लिए सिविल सेवा एप्टीटयूड परीक्षा (सीसैट) के पैटर्न में बदलाव किए जाने की उम्मीदवारों की मांगों पर विचार कर रही है। हालांकि 24 अगस्त को होने वाली पीटी परीक्षा को लेकर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
उध्र सिविल सेवा उम्मीदवारों के 21 सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रोहित चौधरी और महासचिव मोहित शर्मा शामिल थे। कांग्रेस के छात्र धड़े के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमरीख रंजन पांडे ने बताया कि राहुल ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि उम्मीदवारों के साथ कोई अन्याय नहीं होगा और वह उनकी चिंताओं को सभी उपयुक्त मंच पर उठाएंगे। इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने पत्र में मोदी से समानता के सिद्धांत को ध्यान में रखकर यूपीएससी के पैटर्न पर पुनर्विचार करने को कहा है।
श्री यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश से काफी संख्या में छात्र यूपीएससी की परीक्षा में शामिल होते हैं, जिनकी मूल भाषा हिन्दी होती है। उम्मीदवारों को सीसैट में जो प्रश्न हिन्दी और अन्य भाषाओं में उपलब्ध कराए जाते हैं उनका अनुवाद एक सॉफ्टवेयर के जरिए हो रहा है, जिसके चलते वास्तविक अर्थ बदल जाता है और परीक्षार्थी संशय में पड़ जाते हैं। इस बीच, नई दिल्ली में सैकड़ों छात्रों ने सीसैट को रद्द करने की मांग करते हुए यूपीएससी के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने सीसैट को हिन्दी पृष्ठभूमि के छात्रों के प्रति भेदभावपूर्ण बताया।