यह अपनी किस्म का पहला मामला है कि कोई हिंदू युवती अतिवादी संगठन इस्लामी स्टेट में शामिल होना चाहती है. सवाल यह है कि यह कौन सा जादू है जो हिंदू युवती के सर चढ़ के बोल रहा है?
नौकरशाही डेस्क
पता चला है कि दिल्ली की रहने वाली यह लड़की रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल की बेटी है. भारत में कुछ मुस्लिम युवकों के आईएसआईएस में शामिल होने की कोशिशों पर कोहराम मचता रहा है. लेकिन इस हिंदू युवती के इस संगठन में शामिल होने के प्रयासों पर गुप्तचर संस्थाओं के हाथ-पांव फुल गये हैं.
जी मीडिया की खबरों के अनुसार खुफिया एजेंसी आईबी के अधिकारी बीते कई दिनों से उक्त लड़की को इस्लामिक स्टेट में शामिल नहीं होने के लिए समझा रहे हैं. युवती 25 वर्ष की बतायी जाती है.
रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट यह युवती तीन साल पहले पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया गई थी. वहां रहकर उसने अपनी पढ़ाई पूरी की, लेकिन जब वह वापस अपने घर लौटी तो उसमें परिजनों को काफी बदलाव देखने को मिले.
उच्च शिक्षा प्राप्त है यह लड़की
जी न्यूज वेबसाइट ने आईबी सूत्रों के हवाले से लिखा है कि युवती के पिता ने ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से संपर्क कर अपनी बेटी की संदिग्ध गतिविधियों के बारे में सूचना दी थी. मामले की जानकारी के बाद से ही एनआईए और आईबी एक-दूसरे के संपर्क में बने हुए हैं. आईबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया है किवह आईएस में भर्ती करने वाले लोगों के संपर्क में है और वह आईएसआईएस में शामिल होने के लिए सीरिया जाने की जिद पर अड़ी है.
सवाल यह है कि एक हिंदू लड़की जिसने उच्च शिक्षा प्राप्त कर रखी हो. वह भी जिसके पिता ने भारतीय फौज के अफसर के रूप में राष्ट्र सेवा की हो और जिनने देश की खातिर मर मिटने के लिए अपना पूरा जीवन फौज में खपा दिया हो उनकी बेटी आखिर एक अतिवादी संगठन का हिस्सा बनने का सपना देखे, यह कोई मामूली बात नहीं है. उसके सर पर उस संगठन में शामिल होने का जुनून कैसे सवार हो गया जो दुनिया भर में अपने खूनखार करतूतों की वजह से बदनाम है. जिस लड़की का सांस्कृतिक और धार्मिक लिहाज से जिस संगठन से कोई लेना देना न हो वह आखिर क्यों इस संगठन में शामिल होने के सपने देख रही है.
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