मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समाज में जाति और धर्म के नाम पर नफरत फैलाने वाले सोशल मीडिया के संदेशों का मुकाबला आपसी प्रेम, भाईचारा, एकता और आपसी सद्भाव को बढ़ावा देने वाले सकारात्मक अभियान से करने का आह्वान किया ।
श्री कुमार ने जनता दल यूनाइटेड के अति पिछड़ा प्रकोष्ठ की ओर से आयोजित पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सोशल मीडिया में जाति और धर्म के नाम पर नफरत फैलाने की एक नयी परिपाटी शुरू हुयी है, जो विकास की गति को तेज करने में सबसे बड़ा बाधक है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि लोग नफरत वाले ऐसे संदेशों का मुकाबला करने के लिए सोशल मीडिया पर प्रेम, भाईचारा, आपसी सद्भाव और एकता बढ़ावा दें।
श्री कुमार ने कहा कि देश में जातियों का सही आंकड़ा जानने के लिए वर्ष 2021 में जातीय आधार पर जनगणना करायी जानी चाहिए । उन्होंने कहा कि कई जातियों की ओर से आबादी के हिसाब से आरक्षण देने की मांग की जा रही है। ऐसे में जब एक बार जाति का सही सही आंकड़ा मालूम हो जायेगा तब इस बारे में कोई भी फैसला लेने में आसानी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में जब जातीय आबादी का आंकड़ा सामने आ जायेगा तब आरक्षण की अधिकतम सीमा को जरूरत के हिसाब से बढ़ाया जा सकेगा और इसके लिए आवश्यक संविधान संशोधन भी किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना वर्ष 2011 में करायी गयी लेकिन कई जातियों की संख्या इससे स्पष्ट नहीं हो सकी।