केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी के शैक्षिक योग्यता से जुड़ा विवाद सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है. कल एक अदालत ने एक शिकायत पर सुनवाई के लिए 24 जून तय कर दिया है जिसमें ईरानी पर आरोप है कि उन्होंने 2014 लोकसभा चुनाव में अपनी शैक्षिक योग्यता के बारे में गलत सूचना दी.
अहमेर खान ने अदालत में कहा कि स्मृति इरानी ने 2014 में जो शपथ पत्र चुनाव आयोग को सौंपा उसमें उन्होंने खुद को दिल्ली युनिवर्सिटी से 1996 में बीकॉम डिग्री होल्डर बताया जबकि 2014 में उन्होंने आयोग को बताया कि उन्होंने 1994 में बीकॉम पार्ट एक किया है.
स्मृति इरानी से जुड़े इस विवाद पर सोशल मीडिया में गंभीर चर्चा का विषय बना हुआ है जिससे स्मृति ईरानी ट्रेंड कर रही हैं.
कई लोग स्मृति को शपथ पत्र में झूठ बोलने को लेकर आलोचना कर रहे हैं तो कुछ लोग स्मृति के बचाओ में भी आ गये हैं.
इस बीच एक टीवी चैनल के पत्रकार अशोक संघल द्वारा इरानी से यह पूछे जाने कि आप में नरेंद्र मोदी ने क्या खूबी देखी कि आपको मंत्री बना दिया, सिंघल के इस सवाल को कई लोगों ने महिला के खिलाफ आचरण करने का आरोप लगाया है.