सरकार ने नोटबंदी के मद्देनजर आगामी 31 मार्च तक बैंकों में जमा की जाने वाली अघोषित आय पर कर, जुर्माना और अधिभार सहित 50 प्रतिशत कर लगाने और जमा कराये गये अघोषित आय का एक चौथाई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना 2016 में चार वर्ष के लिए बगैर ब्याज के जमा कराने के प्रावधान वाला एक विधेयक आज लोकसभा में पेश किया।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के भारी हँगामे के बीच आयकर कानून 1961 में संशोधन के लिए कराधान विधि (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2016 सदन में पेश किया। विधेयक के प्रावधानों के अनुसार, 500 और एक हजार रुपये के नोटों का प्रचलन बंद किये जाने के मद्देनजर घोषित की जाने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर, 10 फीसदी जुर्माना और कर पर 33 फीसदी ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण उपकर’ लगेगा। इस तरह से कुल मिलाकर जमा राशि का करीब 50 प्रतिशत हो जायेगा।
इसके साथ ही जमाकर्ता को घोषित की जाने वाली राशि का 25 फीसदी न्यनूतम चार वर्ष के लिए बगैर ब्याज के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में जमा कराना होगा। इस तरह से जमा करायी गयी अघोषित राशि में से करीब आधी कर और जुर्माने के रूप में सरकारी खजाने में चली जायेगी तथा एक चौथाई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के मद में रखी जायेगी। इस प्रकार शुरूआत में जमाकर्ता मात्र एक चौथाई राशि ही इस्तेमाल कर पायेगा। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में जमा होने वाली राशि का उपयोग सिंचाई, आवास, शौचालयों, अवसंरचना, प्राथमिक शिक्षा, प्राथमिक स्वास्थ्य, आजीविका आदि के लिए चलाये जा रहे गरीब कल्याण कार्यक्रमों के लिए किया जायेगा जिसका उद्देश्य न्याय और समानता लाना है।