पटना, १५ सितम्बर। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा आयोजित हिंदी–सप्ताह के दूसरे दिन आज विद्यार्थियों के लिए निबंध–लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। निबंध हेतु दो विषय दिए गए थे– ‘स्वतंत्रता संग्राम के अमर सिपाही‘ और ‘हिंदी साहित्य में विद्यार्थियों का योगदान‘। इन दो विषयों में से किसी भी एक पर निबंध लिखने की स्वतंत्रता दी गई थी।
सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने प्रतियोगिता के उद्घाटन के पश्चात अपने संबोधन में बताया कि, विद्यार्थियों को साहित्य और साहित्य सम्मेलन से जोड़ने के अनेक उपाय किए जा रहे हैं, जिनमें इस तरह के आयोजन भी सम्मिलित हैं। इसी क्रम में १६ सितम्बर को व्याख्यान प्रतियोगिता, जिसका विषय– ‘गाँधी–साहित्य‘, ‘गाँधी–दर्शन‘ तथा ‘चंपारण–सत्याग्रह‘ में से कोई भी एक, रखा गया है, तथा १८ सितम्बर को काव्य–पाठ प्रतियोगिता का आयोजन है। प्रत्येक प्रतियोगिता में सफल तीन विद्यार्थियों को क्रमश: एक हज़ार, सात सौ तथा पाँच सौ रूपाए की पुरस्कार–राशि के साथ प्रमाण–पत्र एवं पदक भी प्रदान किए जाएँगे। हिंदी–सप्ताह के समापन के अवसर पर २० सितम्बर को पुरस्कार–वितरण समारोह आयोजित होगा। इस बीच १७ सितम्बर को कवि–सम्मेलन तथा १९ सितम्बर को कवयित्री–सम्मेलन(महिला कवि सम्मेलन) आयोजित होंगे।
हिंदी–सेवा के लिए, सम्मेलन द्वारा आज वरिष्ठ हिंदी–सेवी मोहम्मद सुलेमान को ‘हिंदी–सेवी सम्मान‘ से अलंकृत किया गया। इस अवसर पर प्रतियोगिता आयोजन समिति के संयोजक प्रो सुशील कुमार झा, डा अर्चना त्रिपाठी, आचार्य आनंद किशोर शास्त्री, लता प्रासर, कृष्णरंजन सिंह, शंकर शरण मधुकर, सच्चिदानंद सिन्हा, नरेंद्र देव आदि उपस्थित थे।