गुणीजनों और बुज़ुर्गों का सम्मान लोक–हित के लिए आवश्यक
साहित्य सम्मेलन में आयोजित हुआ अभिनंदन समारोह व कला–उत्सव
पटना, ८ मई। गुणीजनों और बुज़ुर्गों का उचित सम्मान और सत्कार समाज के हित में ज़रूरी है। इससे लोक–समाज की भावनाएँ पवित्र होती हैं। तभी श्रद्धावान सच्चे और अच्छे लोगों का समाज बनता है। जो समाज अपने वरेण्य जनों का सम्मान करता है, उसकी सदा उन्नति होती है। और, जो ऐसा नही करता वह समाज पतनोन्मुख हो जाता है। आज हम अपने आस–पास जो चरित्र का ह्रास और अनुशासन–हीनता देखते हैं, उनके पीछे यही कारण है कि, हमने बड़ों को सम्मान देना छोड़ दिया है। हम सम्मान पाना चाहते हैं, पर देना नहीं चाहते। सम्मान के इस संकट से समाज को बचाना नितांत आवश्यक है।
यह बातें आज यहाँ बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन में, सुप्रसिद्ध कलाविद तथा साहित्य सम्मेलन नृवागा संगीत अकादमी के निदेशक अविनय काशीनाथ पाण्डेय के ५०वें जन्म–दिवस पर आयोजित अभिनंदन समारोह एवं कला–उत्सव की अध्यक्षता करते हुए, सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने कही। डा सुलभ ने कहा कि, श्री अविनय ३५ वर्षों से अधिक से कला की साधना में रत हैं। नृत्य, गायन और वादन, तीनों हों विधाओं में इनकी सिद्धि सराहनीय और महनीय है। कला के आचार्य के रूप में भी इनकी ख्याति प्रदेश की सीमाओं को लाँघ गई है। इनकी पत्नी पल्लवी विश्वास इनके पुत्र आयुर्मान याश्क और पुत्री काशिका भी संगीत की साधना में है। यह पूरा परिवार, जैसा कि इनके पिता पुण्य–श्लोक महाकवि काशीनाथ पाण्डेय चाहते थे, कला–दायित्वों के प्रति पूर्ण समर्पित और संकल्पित सारस्वत–परिवार है। श्री अविनय का अभिनंदन, दूसरे प्रकार से संपूर्ण कलादायित्व को समर्पित सभी कला–साधकों का सम्मान है। डा सुलभ ने पुष्प–हार और वंदन–वस्त्र प्रदान कर श्री अविनय का अभिनंदन किया।
सम्मेलन के उपाध्यक्ष नृपेंद्र नाथ गुप्त, डा शंकर प्रसाद, डा कल्याणी कुसुम सिंह, डा सतीश राज पुष्करणा, डा सुधा सिन्हा, विश्व रंजन, योगेन्द्र प्रसाद मिश्र, पत्रकार श्रीकांत प्रत्युष, रवि शंकर पाण्डेय, राज कुमार प्रेमी, सुनील कुमार दूबे, डा शालिनी पाण्डेय, प्रो सुशील कुमार झा, कवयित्री आराधना प्रसाद, डा अर्चना त्रिपाठी, लता प्रासर, ओम् प्रकाश पाण्डेय ‘प्रकाश‘, जय प्रकाश पुजारी, रवि घोष, डा विनोद कुमार मंगलम, आदि अनेक साहित्यकारों और कलाकारों ने पुष्प–हार और उपहार देकर शुभकामानाएँ दी।
इस अवसर पर, मुंबई के सुप्रसिद्ध ग़ज़ल गायक डा शैलेंद्र शेट्टी और गायिका पायल ने ग़ज़ल गायकी से उत्सव को सवार का श्रींगार प्रदान किया। मंच का संचालन श्री अविनय की पत्नी और सुप्रसिद्ध कला–नेत्री पल्लवी विश्वास ने किया।
इस अवसर पर रेणु पाण्डेय, आयुर्मान याश्क, काशिका, डा बी एन विश्वकर्मा, लीना श्रीवास्तव, वरुण सिंह, रमा शंकर शुक्ल, शीला देवी, रीतेश कुमार मिश्र, रामाशिष ठाकुर, पवन कुमार मिश्र समेत बड़ी संख्या में प्रबुद्ध जन उपस्थित थे।