1951 से 2020 के बीच देश को सबसे ज्यादा IAS बिहार ने दिए
बिहार भले ही मानव विकास सूचकांक में देश के सबसे नीचे है, लेकिन देश को आईएएस देने के मामले में प्रदेश सबसे आगे हैं। यह जानकारी नए शोध से मिली है।
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बिहार देश को सबसे ज्यादा आईएएस देनेवाला प्रदेश है। 1951 से 2020 के बीच बिहार ने देश को सबसे ज्यादा 10.7 प्रतिशत IAS अधिकारी दिए। इसमें आज का झारखंड भी शामिल है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड ने मिलकर देश को 15.8 फीसदी आईएएस अधिकारी दिए। अगर आबादी के हिसाब से देखें, तो बिहार सबसे आगे है। यूपी और उत्तरखंड दोनों की आबादी मिलाकर लगभग 22 करोड़ हो जाती है, वहीं बिहार और झारखंड की आबादी लगभग 14 करोड़ है। यह जानकारी https://tcpd.ashoka.edu.in/bureaucrats-of-india/ के आधार पर है। आज indiainpixels ने यह जानकारी साझा की।
बिहार और यूपी के बाद तीसरा प्रदेश राजस्थान है, जिसने देश को 7.5 प्रतिशत आईएएस अधिकारी दिए हैं। इसके बाद पंजाब का नंबर आता है। छोटा प्रदेश होने के बावजूद पंजाब ने देश को 6.3 फीसदी आईएएस दिए हैं। फिर महाराष्ट्र का स्थान आता है। महाराष्ट्र ने 1951 सो 2020 के बीच 6.1 फीसदी आईएएस दिए। केरल भी छोटा राज्य है, लेकिन वहां से भी अच्छी संख्या में आईएएस आते हैं। इस प्रदेश ने 4.6 प्रतिशत आईएएस दिए हैं। हरियाणा छोटा प्रदेश है, लेकिन आईएएस तैयार करने के मामले में अच्छा है। इस प्रदेश ने देश को 4.3 फीसदी आईएएस अधिकारी दिए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य गुजरात देश को आईएएस देने के मामले में बहुत पीछे है। गुजरात ने सिर्फ 1.2 फीसदी आईएएस दिए हैं। बंगाल से भी आईएएस बनने की रफ्तार बहुत ज्यादा नहीं रही है। बंगाल ने देश को 2.6 फीसदी आईएएस अधिकारी दिए हैं। बंगाल से बेहतर ओड़िशा का प्रदर्शन रहा है। ओड़िशा ने देश को 4.5 आईएएस अधिकारी दिए हैं।
इस रोचक आंकड़े के कई विश्लेषण हो सकते हैं। इस आंकड़े से सबसे बड़ा सवाल यही है कि गुजरात मॉल, जिसकी देश में बहुत चर्चा हुई, आईएएस देने में इतना पीछे क्यों है। इस आंकड़े से यह समझना मुश्किल है कि पिछले दस वर्षों का ट्रेंड क्या रहा है। क्या पिछले दशक में ट्रेंड कुछ बदला है? इसके लिए इस आंकड़े का माइक्रो विश्लेषण करना होगा। हरियाणा, बिहार, यूपी और ओड़िशा बीमारू प्रदेश माने जाते रहे हैं, लेकिन इन प्रदेशों ने अच्छी संख्या में आईएएस दिए हैं।
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