ग्यारह साल कैद की जिंदगी बिता कर 21 दिनों तक खुली हवा में सांस लेने वाले शहाबुद्दीन का अब दुबारा जेल जाना सुनिश्चित हो गया है. सुप्रीम को ने उनकी जमानत रद्द कर दी उसके बाद शहाबुद्दीन ने सीवान में खुद को पुलिस के हवाले कर दिया.
गौरतलब है कि पटना हाईकोर्ट ने सात सितंबर को शाहबुद्दीन की जमानत मंजूर की थी, जिसके बाद वह 10 सितंबर को भागलपुर जेल से रिहा हुए थे। वह अपने खिलाफ दर्जनों मामलों के सिलसिले में 11 साल से जेल में थे।
सर्वोच्च अदालत ने निचली अदालत से राजीव रोशन हत्या मामले में तेज सुनवाई करने के लिए भी कहा है। राजीव रोशन हत्या मामले में आरोपी शहाबुद्दीन को पटना हाई कोर्ट से जमानत मिली थी। उनकी जमानत के खिलाफ राजीव के पिता चंद्रकेश्वर प्रसाद (चंदा बाबू) ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
शहाबुद्दीन पर 40 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। हत्या के एक मामले में निचली अदालत ने शहाबुद्दीन को उम्र कैद की सज़ा सुनाई थी। जिसके खिलाफ उन्होंने हाई कोर्ट में अपील कर रखी है।
सीवान के चंदा बाबू के तीन बेटों राजीव, गिरीश और सतीश की हत्या हुई थी। उनके बड़े बेटे राजीव अपने दोनों भाइयों की हत्या के मामले में मुख्य गवाह थे। बाद में राजीव की भी हत्या हो गई।