48 घंटे से BJP मौन, भास्कर और हिंदुस्तान ने थूक कर चाटा
तमिलनाडु व बिहार में तनाव फैलाने के बाद नफरती गैंग ऐसे शांत हो गया, जैसे कुछ हुआ ही नहीं। BJP मौन। तमिलनाडु को झूठ बोलनेवाले अखबारों ने थूक कर चाटा।
कई दिनों तक तमिलनाडु और बिहार में तनाव फैलाने के बाद नफरती गैंग ऐसे शांत हो गया, जैसे कुछ हुआ ही नहीं। गांव-गांव में तमिलनाडु और बिहार सरकार खासकर तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार के खिलाफ नफरत फैलाने के बाद दैनिक भास्कर और हिंदुस्तान पूरी निर्लज्जता से पलट गए हैं। जो अखबार लिख रहे थे कि तमिलनाडु पुलिस झूठ बोल रही है, अब वही लिख रहे हैं कि बिहारी मजदूर की हत्या झारखंड के युवक ने की थी, जो गिरफ्तार हो गया है। यही बात तो तमिलनाडु के डीजीपी ने कही थी कि झगड़ा तमिलनाडु के लोगों और बिहारियों में नहीं हुई, बल्कि बिहारी और झारखंडी गुटों में हुई है। अखबार इतने निर्लज्ज पहले नहीं थे। पहले अखबार में गलत रिपोर्ट छपने के बाद विशेष संपादकीय लिख कर अखबार अपनी गलती मानते थे। खेद जताते थे। अब नया जमाना है। झूठ बोलो और पकड़े जाने पर माफी भी न मांगों। अनैतिक सत्ता से निकली यह संस्कृति समाज को भी अनैतिकता का रोग दे रही है।
हिंदुस्तान ने लिखा था कि हिंदीभाषी मजदूरों पर कातिलाना हमला। दैनिक भास्कर ने लिखा था कि तमिलनाडु पुलिस झूठ बोल रही है। उसने जमुई के युवक की हत्या के बाद उसके परिजन महिला की तस्वीर भी छापी थी। अब वही अखबार लिखता है कि झारखंड के युवक ने की थी हत्या।
पहले नेता ने कोई बात कही और झूठ साबित होने पर नेता अफसोस जताता था, लेकिन भाजपा और उसके किसी नेता ने कोई खेद नहीं जताया। बिहार भाजपा का ट्विटर हैंडल पिछले 48 घंटे से तमिलनाडु मामले पर ऐसे शांत है, जैसे कुछ हुआ ही नहीं। इससे पहले भाजपा और उसके नेता किस प्रकार और क्या-क्या कह रहे थे, सबके सामने है। उन्होंने तेजस्वी यादव पर खासकर हमले किए कि वे जब स्तालिन का जन्मदिन मना रहे थे, तब बिहारियों का कत्ल हो रहा था।कितने वीडियो शेयर किए गए। लेकिन कोई अफसोस नहीं। यह राजनीति की नैतिकता के पतन का अध्याय है।
अखबारों और सोशल मीडिया के पाठक और दर्शक होने के नाते भी सोचने और बोलने की जरूरत है। झूठ को स्वीकार कर लेने पर यह रोग समाज में भी फैलेगा। झूठ बोलने वाले प्रतिष्ठा पाएंगे और सच बोलने वाले गाली खाएंगे। सोचिए हमारा समाज किस तरफ जा रहा है। कैसा समाज हम बना रहे हैं?
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