पटना- बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन का दो दिवसीय ३८वाँ महाधिवेशन आगामी ९ सितम्बर से आरंभ हो रहा है। महात्मा गाँधी के चंपारण–सत्याग्रह के शताब्दी–वर्ष को समर्पित इस महाधिवेशन का उद्घाटन ९ सितम्बर को ११ बजे किया जाएगा।
तीन वैचारिक–सत्रों के अतिरिक्त ९ सितम्बर की संध्या कवि–सम्मेलन तथा १० सितम्बर को होनेवाला सम्मान–सम्मरोह अधिवेशन के विशेष आकर्षण होंगे। इसमें प्रदेश और देश के मूर्द्धन्य विद्वानों के साथ गाँव–क़स्बों के साहित्यकारों को भी सम्मानित किया जाएगा।
यह जानकारी आज यहाँ तैयारियों की समीक्षा के लिए आयोजित सम्मेलन की कार्य–समिति तथा अधिवेशन की स्वागत–समिति की संयुक्त बैठक के पश्चात संवाद–दाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने दी। डा सुलभ ने बताया कि, महाधिवेशन की तैयारियाँ लगभग पूरी हो चुकी हैं। इस अवसर पर, सम्मेलन द्वारा प्रकाशित, राष्ट्रीय सद्भावना के देश–प्रसिद्ध कवि वाहिद अली ‘वाहिद‘ के खंड–काव्य ‘वाहिद के राम‘ का लोकार्पण भी किया जाएगा। इसी दिन संध्या में आयोजित भव्य कवि–सम्मेलन में श्री वाहिद के अतिरिक्त लखनऊ के विख्यात हास्य कवि वेदव्रत बाजपेयी मुख्य–रूप से काव्य–पाठ करेंगे। प्रख्यात विद्वान और साहित्य सम्मेलन, प्रयाग के अध्यक्ष डा सूर्य प्रसाद दीक्षित, केंद्रीय हिंदी संस्थान के निदेशक ड़ा नंद किशोर पांडेय समेत कई अनेक विद्वानों ने महाधिवेशन में आने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस अवसर पर प्रकाशित होनेवाली सम्मेलन की पत्रिका ‘सम्मेलन–साहित्य‘ की सामग्रियाँ भी मुद्रण हेतु भेजी जा चुकी है।
संवाद–दाता सम्मेलन में, सम्मेलन के उपाध्यक्ष नृपेंद्र नाथ गुप्त, डा शंकर प्रसाद, सम्मेलन के प्रधानमंत्री आचार्य श्रीरंजन सूरिदेव, डा शंकर प्रसाद, डा शिववंश पाण्डेय, डा कल्याणी कुसुम सिंह, डा वासकीनाथ झा, बलभद्र कल्याण, ड़ा मेहता नगेंद्र सिंह, ड़ा पुष्पा जमुआर, पूनम आनंद, अनुपमा नाथ, ड़ा रमेश चंद्र पांडेय, राज कुमार प्रेमी, योगेन्द्र प्रसाद मिश्र, आचार्य आनंद किशोर शास्त्री, प्रो सुशील कुमार झा,चंद्रदीप प्रसाद, शंकर शरण मधुकर, आचार्य आनंद किशोर शास्त्री, डा कुमार मंगलम, नीरव समदर्शी, ड़ा विनय कुमार विष्णुपुरी, लता प्रासर, विश्वमोहन चौधरी संत, आर प्रवेश, डा मुकेश कुमार ओझा, ओम प्रकाश झुनझुनवाला तथा मीनाक्षी झा बनर्जी समेत दोनों समितियों के ५० से अधिक पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित थे।