9 में 8 दल नीतीश संग, अकेली पड़ी BJP, चक्रवर्ती का सपना टूटा
बिहार में कुछ बात तो है। विस में 9 दल हैं, 8 नीतीश कुमार-तेजस्वी यादव के साथ। भाजपा के साथ कोई जाने को तैयार नहीं। बिहार ने चक्रवर्ती बनने का सपना तोड़ा।
भाजपा कांग्रेसमुक्त भारत की बात करती रही है। उसके नेता कह चुके हैं कि क्षेत्रीय दल समाप्त हो जाएंगे। उसने कई क्षेत्रीय दलों को तोड़ने में सफलता पाई है, तो कई के पंख उखाड़ दिए हैं, ताकि वह उड़ न सके। शिव सेना से मायावती तक अनेक उदाहरण हैं। लेकिन चक्रवर्ती बनने की राह में बिहार खड़ा हो गया। रास्ता रोक दिया। आप जानते हैं चक्रवर्ती का अर्थ होता है, जिसका साम्राज्य चैरों दिशाओं में फैला हो।
बिहार ने भाजपा की ऐसी हालत कर दी है कि उसके बड़े नेता और सोशल मीडिया में बेहद सक्रिय सुशील कुमार मोदी की बोलती बंद कर दी है। पिछले 24 घंटे में उन्होंने कोई ट्वीट नहीं किया है। थोड़ी देर पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए के मुख्यमंत्री के रूप में इस्तीफा दे दिया। अब वे राजद-कांग्रेस के साथ मिल कर सरकार बनाएंगे। इतनी बड़ी बात के बाद भी सुशील मोदी चुप हैं। वही नहीं, बिहार भाजपा ने भी कोई ट्वीट नहीं किया है। कुछ नेता बोल रहे हैं। कह रहे हैं कि नीतीश कुमार को उन्होंने नेता बनाया, लेकिन नीतीश कुमार ने धोखा दिया। वहीं जदयू ने कहा कि भाजपा उसे महाराष्ट्र में शिव सेना की तरह समाप्त कर देना चाहती थी। जल्द ही वह कुछ ऑडियो जारी कर सकता है। इस तरह आनेवाले दिनों में धोखा बनाम विस्तारवाद पर आरोप-प्रत्यारोप होंगे।
बिहार विधानसभा में नौ दल हैं। आठ दल भाजपा नीतीश कुमार के साथ हैं। ये आठ दल है-जदयू, राजद, कांग्रेस, माले, हम, सीपीआई, सीपीएम। एमआईआम के भी एक विधायक हैं। हालांकि उन्होंने किसी को समर्थन का एलान नहीं किया है, पर इतना निश्चित है कि वह भाजपा के साथ नहीं जाएगा।
भाजपा बिहार विधानसभा में अकेली पड़ गई है। विधानसभा के बाहर जरूर उसे चिराग पासवान की पार्टी का समर्थन होगा, लेकिन चिराग के मिलने से भी भाजपा कोई बड़ी जमीन नहीं तोड़ सकती।
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