अब परिषद में राबड़ी होंगी विपक्ष की नेता, NDA को तीन झटके
विधान परिषद चुनाव में राजद फायदे में रहा। भाजपा-जदयू नुकसान में। इन्हें तीन बड़े झटके लगे। अब तय हो गया पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी होंगी विपक्ष की नेता।
विधान परिषद चुनाव की कई सीटों के परिणाम खबर लिखे जाने तक जारी नहीं किए गए हैं, लेकिन जितनी सीटों के परिणाम आए हैं, उससे दो बातें साफ हो गई हैं। राजद फायदे में रहा है और एनडीए को नुकसान हुआ है। राजधानी पटना, जिसे एनडीए खासकर भाजपा का गढ़ माना जाता है, यहां उसे अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा है। यहां राजद ने जीत हासिल की है। इसी के साथ यह भी तय हो गया है कि अब परिषद में राबड़ी देवी विपक्ष की नेता होंगी।
पटना के बाद मुंगेर की सीट भी एनडीए के लिए प्रतिष्ठा की सीट थी। यह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का क्षेत्र है, लेकिन यहां भी राजद ने जीत हासिल की है।
राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने बताया कि छह सीटों पर पार्टी को जीत मिल चुकी है। ये सीटें हैं- पटना, बेतिया, सीवान, मुंगेर, सहरसा तथा गया। पहले से परिषद में राजद के पांच सदस्य हैं। इस प्रकार अब परिषद में राजद के 11 सदस्य हो गए हैं। विपक्ष का नेता के लिए आठ सदस्य जरूरी होते हैं। गगन ने बताया कि इस चुनाव में सत्ताधारी दल के पक्ष में काफी धांधली की गई है। कई मतों को इनवैलिड कर दिया गया।
भाजपा को सारण में भी झटका लगा है। यहां भाजपा ने अपने पूर्व पार्षद सच्चिदानंद राय को टिकट नहीं दिया। वे निर्दलीय लड़े और चुनाव जीत गए।
एनडीए को सबसे बड़ा झटका प्रतिकात्मक है। वह नहीं चाहता था कि राबड़ी देवी परिषद में नेता पद हासिल करें। अब परिणाम के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि राबड़ी देवी विपक्ष की नेता होंगी। यह एनडीए के लिए बड़ी हार के तौर पर है।
जिन सीटों पर भाजपा को जीत मिली चुकी है, वे सीटें है- दरभंगा, सासाराम, पूर्णिया, कटिहार। जदयू को नालंदा, भागलपुर और मुजफ्फरपुर में जीत मिल चुकी है।
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