इंग्लैंड के अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने अडानी ग्रुप के फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ कर दिया है। अखबार ने लिखा है कि इंडोनेशिया से लो ग्रेड कोयला सस्ती दर पर खरीद कर अडानी ने भारत में महंगी दर पर बेचा। अडानी ने तिगुना दाम पर भारत में सरकारी बिजली कंपनियों को बेचा, जिससे उसे हजारों करोड़ का फायदा हुआ, जबकि देश की जनता को भारी नुकसान हुआ। इससे न सिर्फ भारत में बिजली महंगी हो गई, बल्कि आम लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया गया। लो ग्रेड का कोयला अधिक प्रदूषण करता है। याद रहे प्रदूषण के कारण भारत में हर साल लाखों लोग फेफड़े की बीमारी से पीड़ित होते हैं और असमय मौत के शिकार होते हैं। अडानी ग्रुप के फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद राजनीति में भी उबाल आ गया है। राहुल गांधी ने कहा कि 4 जून के बाद देश के साथ की गई इस धोखाधड़ी की जांच की जाएगी।
राहुल गांधी ने फाइनेंशियल टाइम्स की खबर का हवाला देते हुए कहा भाजपा सरकार में भीषण कोयला घोटाला सामने आया है। वर्षों से चल रहे इस घोटाले के ज़रिए मोदी जी के प्रिय मित्र अडानी ने लो-ग्रेड कोयले को तीन गुने दाम पर बेच कर हज़ारों करोड़ रुपए लूटे हैं, जिसकी कीमत आम जनता ने बिजली का महंगा बिल भर कर अपनी जेब से चुकाई है। क्या प्रधानमंत्री बताएंगे इस खुले भ्रष्टाचार पर ED, CBI और IT को शांत रखने के लिए कितने टेंपो लगे? 4 जून के बाद INDIA की सरकार इस महाघोटाले की जांच कर जनता से लूटी गई पाई-पाई का हिसाब करेगी।
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कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत कहा कि घटिया कोयले को ऊँची क्वालिटी का दिखा कर मनमाने दाम पर भारतीय सरकारी कंपनी को बेचा गया। अडानी ने इंडोनेशिया से डॉलर 28/टन के हिसाब से 3,500 कैलोरी वाला कोयला खरीदा। कोयला सीधे भारत आता है, लेकिन यहाँ पहुँचते पहुँचते जादू हो गया। कोयला अपने आप 6,000 कैलोरी का हो गया और उसकी कीमत बढ़कर डॉलर 92/टन हो गई! कोयले का यह शिपमेंट जब तमिलनाडु जेनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (Tangedco) को बेचा गया, तब अडानी ने मोटा मुनाफ़ा कमाया। कोयला इंडोनेशियाई खनन समूह पीटी झोनलिन के दक्षिण कालीमंतन खनन के इलाक़े से आया, वहीं पर जहाज लोड किया गया था। पीटी झोनलिन द्वारा निर्यात काग़ज़ों में स्पष्ट है कि अंतिम खरीदार Tangedco था, और अडानी समूह मध्यस्थ था। पीटी झोनलिन का बिल ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स स्थित सुप्रीम यूनियन इन्वेस्टर्स के पास गया, जहां डॉलर 28/टन का शुल्क लगाया गया। एक ही हफ्ते बाद सुप्रीम यूनियन इन्वेस्टर्स ने सिंगापुर में अडानी को उसी 3,500 कैलोरी वाले कोयले के लिये डॉलर 34/टन का बिल भेजा और उसके बाद अडानी ने जो Tangedco को बिल दिया, उसमें उसी कोयले की गुणवत्ता बढ़कर 6,000 कैलोरी और कीमत बढ़कर डॉलर 92/टन हो गई! आँकड़ों के अनुसार 2012 और 2016 के बीच Tangedco को कोयले की खरीद में अडानी की धोखाधड़ी के चलते 3,000 करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ। अडानी ने एक सरकारी कंपनी के साथ धोखाधड़ी की, सीधे राजस्व की चोरी की, उपभोक्ताओं के लिए बिजली महँगी की और साथ ही साथ पर्यावरण ही नहीं, लोगों के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ किया। निम्न क्वालिटी का कोयला ज़्यादा जलाना पड़ता है जो लोगों स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए हानिकारक है। भारत में हर साल वायु प्रदूषण से 22 लाख से ज़्यादा लोग मारे जाते हैं, जिसमें बच्चों की सबसे ज़्यादा मौतें होती हैं। और यह खबर तब सामने आ रही हैं जब अडानी खुद को एक बड़े नवीकरणीय ऊर्जा (renewable energy) समूह के रूप में पुनः स्थापित करना चाहता है, यह अलग बात है कि अडानी समूह भारत में कोयले के सबसे बड़े आयातकों में से एक है।