अडानी ने वादा तोड़ा, बिजली दर तीन गुना बढ़ा वसूला 8 हजार करोड़
अडानी की कंपनी ने बिजली की प्रति यूनिट 2.83 से बढ़ाकर किया 8.23 रु। गुजरात सरकार से वसूल लिया 8 हजार करोड़ रु। जबकि वादा था 25 साल कीमत नहीं बढ़ाने का।
जनता के टैक्स के पैसे को किस प्रकार खास कंपनियों पर लुटाया जा रहा है, इसका उदाहरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में सामने आया है। गुजरात के ही अडानी भी हैं। उनकी कंपनी ने अपने ही राज्य में वादा तोड़ते हुए सरकार से 8 हजार करोड़ रुपए वसूल लिये। जो बिजली 2.83 रु प्रति यूनिट मिल रही थी, उसकी कीमत बढ़ा कर कंपनी ने 8.83 रु. कर दिया। जबकि वादा था कि 25 साल तक कंपनी कीमत में नाममात्र की वृद्धि कर सकती है। लेकिन एक साल में ही कंपनी ने तीन गुना रेट बढ़ा कर सरकार से वसूल लिया।
"The price of one unit of Adani Power electricity purchased by Gujarat jumped from Rs 2.83 in January 2021 to Rs 8.83 in December 2022!"
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) June 7, 2023
Filling the coffers of your crony friend and pauperizing the State & the people, Modiji?https://t.co/qFGXCCHvYN
द इंडियन एक्सप्रेस और बिजनेस टुडे की खबर के मुताबिक की गुजरात सरकार अडानी कंपनी से बिजली खरीदती है। कंपनी ने एक साल में ही 102 प्रतिश कीमत बढ़ा कर सरकार से राशि भी वसूल ली। गुजरात विधानसभा में आम आदमी पार्टी के विधायक हेमंत अहिर के एक सवाल के जवाब में ऊर्जा मंत्री केनू देसाई ने सदन को बताया कि अडानी ग्रुप ने वर्ष 2022 में प्रति यूनिट बिजली की कीमत 3.58 रु. को बढ़ाकर 7.24 रु कर दिया, जो 102 प्रतिशत वृद्धि है।
मालूम हो कि अडानी पावर जनवरी 2021 में गुजरात सरकार को प्रति यूनिट 2.83 रु की दर से बिजली दे रही थी, जो दिसंबर, 2022 में उचल कर 8.83 रु. प्रति यूनिट हो गई। मंत्री ने सदन में जानकारी दी कि अडानी पावर द्वारा बिजली दर में इतनी बेतहाशा वृद्धि करने के बावजूद उसी कंपनी से 7.5 प्रतिशत अधिक बिजली खरीदी। मालूम हो कि गुजरात सरकार से कंपनी का करार था कि वह 25 वर्षों तक दर में वृद्धि नहीं करेगी। अगर वृद्धि हुई तो वह 2.35 से लेकर 2.89 रु के बीच होगी।
अब सबसे बड़ा सवाल है कि सरकार ने इतनी महंगी बिजली खरीदी तो इसकी भरपाई कैसे होगी। सरकार का कहना है कि वर्षों से बिजली दर में वृद्धि नहीं की गई है। इसका अर्थ है कि आम लोगों पर बोझ बढ़ने वाला है।
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