पटना, 17 अप्रैल 2019 : संचार क्रांति आज के आधुनिक युग की सबसे बड़ी जरूरत है। यूं तो पहले भी इसकी जरूरत रही थी तभी तो संचार क्रांति नाम दिया गया, लेकिन अस्सी और नब्बे के दशक मे भारत में इसने जोर पकड़ना शुरू किया।
आज की गला काट प्रतियोगिता के समय में इसकी मांग अधिक बढ़ गयी है। पहले तो आत्मप्रशंसा से बचने की शिक्षा दी जाती थी, लेकिन अब यह कहा जा रहा है यदि आप खुद की, अपने उत्पाद की ब्राँडिंग नहीं करेंगे तो आज के दौड़ में पीछे रह जायेंगे और कोई आपकी सुध लेने वाला सामने नहीं आएगा।
आज के युग में संचार क्रांति लाने के लिए पब्लिक रिलेशन की जरूरत काफी महसूस की जा रही है, इसलिए देश में पी. आर. कंपनियां बढ़ती जा रहीं है। पी. आर. कंपनियों में पी. आर. के विशेषज्ञ बैठकर ब्राँडिंग के बारे में योजना तैयार करते हैं जिसको ऑपरेशन टीम अंजाम तक पहुँचाती है।
उद्यमियों, व्यवसायियों के लिए अपनी-अपनी कंपनियों का ब्राँडिंग करना अति आवश्यक हो गया है तभी आज के आधुनिक प्रतियोगिता वाले दौर से निपटा जा सकता है। इस दौरान फेक न्यूज और पेड न्यूज से मीडिया को बचने की सलाह भी दी गयी। फेक और पेड न्यूज अभी तक कई कंपनियों का भट्ठा बैठा चुकी है। इसलिए बिहार में भी इसका प्रचार-प्रसार आवश्यक है, तभी बिहार के व्यवसायी और कंपनियां मार्केट में अपनीं पहचान बनाये रख पायेगी।
आज बुधवार 17 अप्रैल को सिन्हा लाइब्रेरी रोड स्थित बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सभागार में ‘रोल ऑफ कम्युनिकेशंस एंड पब्लिक रिलेशंस इन द डिजिटल एंड न्यू मीडिया वर्ल्ड फॉर इंडस्ट्री एंड सोसाइटी’ विषय सेमिनार में यह निचोड़ निकलकर सामने आया। सेमिनार का आयोजन पब्लिक रिलेशंस कंसलटेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (पी.आर.सी.ए.आई.) तथा एडवांटेज सर्विसेज ने संयुक्त रूप से मिलकर किया था।
पी.आर.सी.ए.आई. के सीनियर डायरेक्टर श्री अनूप शर्मा ने सेमिनार की शुरूआत करते हुए पब्लिक रिलेशन के महत्व के बारे में विस्तार से बताया।
इस मौके पर अपना विचार व्यक्त करते हुए बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री के.पी.एस. केसरी ने पब्लिक रिलेशन के महत्व को स्वीकार किया और कहा कि पहले से ही हम अपने ग्राहकों को संतुष्ट करने का काम करते आ रहे थे, लेकिन आधुनिक युग में इसका रूप बड़ा हो गया है, इसलिए हमें अपने उत्पाद की ब्राँडिंग पी.आर. के माध्यम से करनी चाहिए। पी.एच.डी. चेम्बर के चेयरमैन श्री सत्यजीत कुमार सिंह ने कहा कि अब मल्टी नेशनल कंपनियां प्रचार में क्षेत्रीय भाषा का प्रयोग करती हैं तो हम बिहार के लोगों को भी इस बारे में गंभीरता से सोचने की जरूरत है। उन्होंने पेप्सी, यूनिलीवर का नाम लेते हुए कहा कि ये कंपनियां अपने उत्पाद का प्रचार भोजपुरी और बांग्ला में करती हैं। अभी विदशी मॉडलों पर हम काम कर रहे हैं इसलिए हमें इंडियन मॉडल बनाना चाहिए। उन्होंने माना कि आज के समय में संचार के बिना आप विकास नहीं कर सकते। इसके जवाब में मॉडरेटर अनूप शर्मा ने कहा कि इंडियन मॉडल भी बन रहा है, लेकिन तब तक वर्तमान मॉडल पर काम करते रहिए।
पटना विश्वविद्यालय के यू.जी.सी. वीमेंस स्टडीज सेंटर की विभागाध्यक्ष डॉ. सुनीता रॉय ने कहा कि उत्पाद में अगर गुणवत्ता होगी तो उसके प्रचार की जरूरत नहीं पड़ेगी। गुणवत्ता से समझौता कर प्रचार के पथ पर आगे नहीं बढ़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि आप अपने उत्पाद की गुणवत्ता को अगर बरकरार रखेंगे तो बड़ा से बड़ा ब्राँड भी आपको धक्का नहीं देगा।
अंग्रेजी अखबार दि हिन्दू के बिजनेस लाइव के वरीय पत्रकार श्री शिशिर कुमार सिंहा ने कहा कंपनियों को दूसरी कंपनी के बारे में फेक या पेड न्यूज नहीं चलवाना चाहिए। उद्यमी अगर खुलकर सामने आयेंगे तो मीडिया भी इसे रोकने में पीछे नहीं हटेगी। आज देश के 50 फीसदी लोगों ने पूरी खबर पढ़ना बंद कर दिया है जिसके चलते अनाप-शनाप समाचार सोशल मीडिया में देखने को मिलते हैं। फेक न्यूज पब्लिक रिलेशन के लिए बड़ी चुनौती है।