अगर मायावती INDIA गठबंधन में आईं, तो BJP का खेल खत्म।
अगर मायावती INDIA गठबंधन में आईं, तो BJP का खेल खत्म। BJP को बहुमत से नीचे लाने के लिए बस 30 सीटें की जरूर है। अकेले यूपी बिगाड़ देगा उसका गेम।
एक बार फिर से बसपा प्रमुख मायावती चर्चा में हैं। भले ही भाजपा ने यूपी की सभी 80 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है और गोदी मीडिया अभी से कह रही है कि 2024 लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत पक्की है और वे तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। भाजपा की कुल लोकसभा सीटें 303 हैं। यानी बहुमत से सिर्फ 30 सीटें ज्यादा हैं। अगर बसपा प्रमुख मायावती इंडिया गठबंधन में आ गईं, तो इतनी सीटें अकेले यूपी सेे कम हो सकती हैं और भाजपा बहुमत से नीचे आ जाएगी।
उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में 2019 के चुनाव में भाजपा को 62 सीटें मिली थीं। दो सीटें उसकी सहयोगी अपना दल को मिली थीं। बसपा को 10 सीटें, जबकि सपा को पांच सीटें मिली थीं। कांग्रेस को सिर्फ एक सीट मिली थी। यहां यह याद रखा जाना चाहिए कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले पुलवामा की घटा हुई थी और जिसका भाजपा ने अपने पक्ष में खुल कर चुनावी इस्तेमाल किया था। इस बार वैसी कोई घटना नहीं हुई है। इस स्थिति में सपा, बसपा, कांग्रेस तथा आरएलडी चारों दलों का मोर्चा बन गया, तो अकेले यूपी ही भाजपा का सारा खेल बिगाड़ सकता है।
मायावती इंडिया गठबंधन का हिस्सा बन सकती हैं, इसे कोई खारिज नहीं कर सकता। अभी हाल में उन्होंने एक ऐसा बयान दिया, जिससे उनके इंडिया गठबंधन में आने की संभावना फिर से देखी जा रही है। उन्होंने संसद से 146 सांसदों को सस्पेंड किए जाने का विरोध किया और साथ ही उप राष्ट्रपति की मिमिक्री किए जाने का भी विरोध किया। इससे जाहिर है कि वे फिलहाल बीच की स्थिति में हैं। वे कोई भी निर्णय ले सकती हैं। एक मच यह है कि चुनाव घोषित होने के बाद जब आचार संहिता लग जाएगी और उन्हें भरोसा हो जाएगा कि उन्हें केंद्रीय एजेंसी परेशान नहीं करेगी, तब वे इंडिया के साथ आएंगी।
इस बात से भी कोई इनकार नहीं कर सकता है कि मायावती के साथ आज भी उनकी जाति के लोग हैं, जिनकी आबादी लगभग दस फीसदी है। दस फीसदी वोट बहुत होता है। फिर उनके साथ आने का प्रभाव पिछड़ी जातियों पर भी पड़ेगा और कुल मिला कर भाजपा के वोट पर भारी पड़ेगा। अवश्य ही भाजपा कभी नहीं चाहेगी कि मायावती इंडिया गठबंधन के साथ जाएं। वह चाहेगी कि मायावती अकेले चुनाव लड़ें तथा अपना वोट काट लें। ऐसा होने पर भाजपा की जीत आसान हो जाएगी। मायावती भाजपा की इच्छा को खूब समझ रही होंगी और वे यह भी समझ रहीं होंगी कि वे उस स्थिति में कोई भी लोकसभा सीट नहीं जीत पाएं। तब उनकी राजनीति ही खत्म हो सकती है। हाल में यूपी विधानसभा चुनाव में बसपा का सिर्फ एक विधायक बन सका। अब देखें मायावती क्या निर्णय लेती हैं।
अयोध्या में उद्घाटन से पहले राममंदिर ट्रस्ट व RSS-VHP में फूट