स्पीकर आदेश दें, तभी करेंगे दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई
आज बिहार के आला अधिकारी प्रेस के सामने आए। कहा- विधानसभा में पुलिस का प्रवेश विधानसभा अध्यक्ष के आदेश पर हुआ। वे चाहें, तो जांच करा सकते हैं।
कुमार अनिल
बिहार विधानसभा में पुलिस के प्रवेश, विधायकों को पीटे जाने के मामले पर आज राज्य के आला अधिकारी भी बोले। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री की बात दोहराई और कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का विशेषाधिकार है। उनके आदेश के बाद ही पुलिस विधानसभा के संचालन में मदद के लिए गई। वे चाहें, तो जांच का आदेश दे सकते हैं। जांच में अगर कोई दोषी पाया जाएगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
बिहार सरकार के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद, डीजीपी एसके सिंघल और डीजी (बीएमपी) प्रेस के सामने आए।गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने कहा कि विधानसभा के भीतर या परिसर में जो कुछ हुआ, उसकी जांच कराने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष को ही है। अगर वे जांच का आदेश देते हैं और पाया जाता है कि किसी प्रकार ज्यादती हुई है, तो ज्यादती करनेवाले पर कार्रवाई होगी।
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अधिकारियों ने इस प्रकार स्पष्ट कर दिया कि भले ही विधायकों को सदन से बाहर करने के बाद भी उन्हें पीटने वाले वीडियो सार्वजनिक हों, लेकिन वे कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। कार्रवाई तभी करेंगे, जब विधानसभा अध्यक्ष जांच का आदेश देंगे।
भले ही राज्य के आला अधिकारियों ने प्रेस के सामने आकर अपना पक्ष स्पष्ट किया, लेकिन इतने से मामला शायद ही खत्म हो, क्योंकि अब भी विपक्ष के सवाल खत्म नहीं हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस विधानसभा में सहयोग करने गई थी। सवाल यह है कि क्या सदन से बाहर करने के बाद विधायकों को पीटना भी सहयोग करना था। क्या यह पुलिस की ज्यादती नहीं थी।
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इससे पहले अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि बिहार स्पेशल आर्म्ड पुलिस एक्ट-2021 के प्रावधान सिर्फ उन संस्थानों या स्थलों पर लागू होंगे, जिनके लिए राज्य सरकार आदेश देगी जैसे दरभंगा एयरपोर्ट। पटना एयरपोर्ट पर यह लागू नहीं होगा, क्योंकि यहां पहले से केंद्रीय बल सुरक्षा की जिम्मेवारी निभा रहा है। यह विशेष पुलिस बल किसी को हिरासत में लेने के बाद तुरत थाने को सुपुर्द करेगा और उसके बाद नियमानुसार कार्रवाई होगी।
अधिकारियों के स्पष्टीकरण के बाद अब विधानसभा परिसर में जो कुछ हुआ, उसकी जांच का आदेश स्पीकर ही देंगे, से स्पष्ट है कि अब पूरा मामला भाजपा के पाले होगा। मुख्यमंत्री पहले ही यह बात कह चुके हैं। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि मुख्यमंत्री ने भले ही अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की हो, लेकिन वे सरकार के मुखिया हैं, इसलिए सवालों से वे बच नहीं पाएंगे। दिल्ली से प्रकाशित इंडियन एक्सप्रेस ने भी अपने संपादकीय में आज मुख्यमंत्री की भूमिका पर ही सवाल उठाए हैं।