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Agnipath : JDU, RJD के बाद मांझी भी गरजे, बना राष्ट्रीय मुद्दा

Agnipath योजना में जाति और धर्म पूछे जाने का विरोध बिहार के बाद यूपी में भी शुरू हुआ। जीतन राम मांझी ने कहा-यह राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा।

ठेके पर सेना बहाली वाली योजना अग्निपथ में आवेदकों से जाति और धर्म का प्रमाणपत्र मांगे जाने का विरोध अब राष्ट्रव्यापी हो गया है। बिहार के बाद यूपी में भी विरोध शुरू हो गया है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा के बाद अब हम के संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि सेना में जाति-धर्म पूछना देश की एकता और अखंडता को खतरे में डालेगा।

अग्निपथ योजना के तहत संविदा पर बहाल होनेवाले जवानों से जाति पूछने के खिलाफ सारे दल एकजुट दिख रहे हैं। इस मसले पर एक बार फिर भाजपा अकेली पड़ गई है। राजद, जदयू, कांग्रेस, हम और सभी वाम दलों ने सेना में बहाली में जाति और धर्म पूछे जाने का विरोध किया है। आज हम के संरक्षक जीतनराम मांझी ने दो टूक कहा कि वे अग्निपथ योजना का शुरू से विरोध करते रहे हैं। जब सेना में जाति के आधार पर बहाली नहीं होती है, आरक्षण नहीं है, तब आवेदकों से जाति प्रमाणपत्र क्यों मांगा जा रहा है। इससे संदेह होना स्वाभाविक है कि बाद में जाति देखकर जवानों को चार साल बाद बाहर कर दिया जाएगा। इस प्रकार सेना में जातिवाद भड़ेगा और यह राष्ट्रीय एकता अखंडता के लिए खतरा है।

बिहार के बाद अन्य राज्यों में भी जाति पूछे जाने का विरोध शुरू हो गया है। यूपी में समाजवादी पार्टी, रालोद तथा दिल्ली-पंजाब में आप ने भी जाति पूछे जाने का विरोध किया है।

उधर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने विपक्ष पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि जाति पहले भी पूछी जाती थी। भाजपा नेताओं के जवाब से विपक्ष पर कोई असर नहीं पड़ा है। लोगों ने सवाल उठाया है कि अग्निपथ नई योजना है, तो फिर पुराने नियम क्यों हैं।

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