अग्निपथ में आरक्षण नहीं, कास्ट सर्टिफिकेट क्यों मांग रहे : कुशवाहा
जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बड़ा सवाल उठाया है। केंद्र से पूछा कि जब अग्निपथ में आरक्षण नहीं है, तो कास्ट सर्टिफिकेट क्यों मांग रहे?
सेना में भर्ती की नई योजना अग्निपथ को लेकर सवाल खत्म नहीं हो रहे हैं। आज जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने महत्वपूर्ण सवाल खड़ा किया। उन्होंने पूछा कि संविदा पर सेना में बहाली वाली अग्निपथ योजना में आरक्षण की व्यवस्था नहीं है। तब फिर बहाली से पहले जाति प्रमाणपत्र क्यों मांगा जा रहा है। जाहिर है, उन्होंने पिछड़ों के प्रति भेदभाव की आशंका जताई है। उन्होंने इस संबंध में डॉक्यूमेंट भी शेयर किया है। उपेंद्र कुशवाहा के सवाल खड़ा करने के बाद सोशल मीडिया पर लोग अपनी आशंकाएं जाहिर कर रहे हैं। खास बात यह कि योजना के लिए आवेदन करनेवालों से जाति प्रमाणपत्र ही नहीं, धर्म का प्रमाणपत्र भी मांगा जा रहा है। कहा गया हि कि बताएं कि आप किस धर्म से आते हैं।
लोग साफ-साफ कह रहे हैं कि जाति प्रमाणपत्र का इस्तेमाल बाद में तब किया जाएगा, जब इनमें से 25 फीसदी को स्थायी किया जाएगा। उस समय पिछड़ों की हकमारी होगी। राजन ने लिखा है कि Sir #अग्निपथ योजना में 25% को परमानेंट करना है तो कैसे पता चलेगा कि अपर कास्ट कौन है? ऐसे सरनेम से कन्फ्यूज़ में रहेंगे? कास्ट सर्टिफिकेट से पता चल जाएगा, कौन sc st obc है तब परमानेंट किया जाएगा। जाति देखकर। विवेकानंद सिंह ने लिखा-जाति जनगणना नहीं करवाना इनको, लेकिन अग्निवीर की जाति जानना है। वाह भाई वाह। दीपक कुमार सिंह ने लिखा-पता कैसे चलेगा कि 4 साल बाद किसको रखना है और किसको भगाना है। उपेंद्र कुशवाहा ने नया सवाल खड़ा किया है, अब देखना है कि इस पर केंद्र की तरफ से क्या जवाब आता है।
इधर एक हफ्ते से अग्निपथ योजना के खिलाफ फौज बचाओ-देश बचाओ नारे के साथ युवा कांग्रेस हर जिले में प्रदर्शन कर रही है।
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