अग्निपथ : संयुक्त किसान मोर्चा का 24 को राष्ट्रव्यापी विरोध
सेना में ठेके पर बहाली यानी अग्निपथ योजना के विरुद्ध संयुक्त किसान मोर्चा 24 जून को राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस मनाएगा। हर प्रखंड पर होगा विरोध प्रदर्शन।
संयुक्त किसान मोर्चा ने सेना में भर्ती की नई अग्निपथ योजना के खिलाफ युवाओं के राष्ट्रव्यापी विरोध को अपना समर्थन घोषित किया है। विरोध प्रदर्शन को शांतिपूर्ण बनाए रखने की अपील करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने इस योजना को जवान विरोधी, किसान विरोधी और राष्ट्र विरोधी बताया है। जब केंद्र सरकार “जय जवान जय किसान” के नारे की भावना को तहस-नहस करने पर तुली है, ऐसे में किसान आंदोलन का कर्तव्य है कि वह जवानों के साथ इस संघर्ष में कंधे से कंधा जोड़कर खड़ा हो। इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा इस शुक्रवार, 24 जून को देशभर में विरोध दिवस मनाएगा। यह जानकारी किसान मोर्चा, बिहार के चंद्रशेखर प्रसाद तथा रामदेव चौधरी ने विज्ञप्ति जारी कर दी।
इस योजना को देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि यह न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा और बेरोजगार युवाओं के सपनों के साथ खिलवाड़ है, बल्कि देश के किसान परिवारों के साथ भी धोखा है। इस देश का जवान वर्दीधारी किसान है। अधिकांश सैनिक किसान परिवार से हैं। सेना की नौकरी लाखों किसान परिवारों के मान और आर्थिक संबल से जुड़ी है। यह देश के लिए शर्म का विषय है की “वन रैंक वन पेंशन” के वादे के साथ पूर्व सैनिकों की रैली से अपना विजय अभियान शुरू करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब “नो रैंक नो पेंशन” की इस योजना को लाद दिया है। सेना में नियमित भर्ती में भारी कटौती उन किसान पुत्रों के साथ धोखा है जिन्होंने बरसों से फौज में सेवा करने का सपना संजोया था। यह संयोग नहीं है कि इस योजना में “ऑल इंडिया ऑल क्लास” के नियम से भर्ती करने पर उन सभी इलाकों से भर्ती में सबसे ज्यादा कटौती होगी जहां किसान आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया था। किसान आंदोलन के हाथों अपनी पराजय से तिलमिलाई हुई इस सरकार का किसानों से बदला उतारने का एक और हथकंडा है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने अग्निवीर भर्ती की शुरुआत के दिन यानि शुक्रवार 24 जून को ही इस योजना के विरुद्ध राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस मनाने का फैसला किया है। उस दिन “जय जवान जय किसान” के नारे के साथ सभी जिला, तहसील या ब्लॉक मुख्यालय पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन आयोजित कर सेना के सर्वोच्च कमांडर भारत के राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया जाएगा।
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