सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही एकबार फिर स्थगित कर दी गई। राज्यसभा में पहली बार अजमेरशरीफ का मामला उठा। कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कार्यस्थगन प्रस्ताव पेश किया और अजमेरशरीफ में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के सावल को उठाते हुए चर्चा की मांग की, लेकिन सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा में भी संभल पर चर्चा कराने की मांग की गई लेकिन सदन की कार्ययवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई।
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतागढ़ी ने स्थगन प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि आपसी भाईचारे और प्रेम का प्रतीक अजमेर शरीफ़ दरगाह को जिस तरह सांप्रदायिक राजनीति का केंद्र बनाने की साज़िश की जा रही है उसके ख़िलाफ़ आज राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया, सदन से मेरा अनुरोध है कि इस नफ़रत की राजनीति के ख़िलाफ़ संसद में चर्चा होनी चाहिये लेकिन सरकार लगातार चर्चा से भाग रही है। भाउउ
उधर लोकसभा में सपा और कांग्रेस सदस्यों ने संभल में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए विशेष चर्चा की मांग की, लेकिन कार्यवाही स्थगित कर दी गई। इस बीच कांग्रेस की कई टीमों ने संभव जाने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने सभी को रोक दिया। किसी को जाने की इजाजत नहीं दी गई।
कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा INDIA की पार्टियों ने अडानी, मणिपुर, संभल और अजमेर मामले पर तत्काल चर्चा के लिए नोटिस दिया था। इन पार्टियों ने न तो किसी तरह का हंगामा किया और न ही कोई नारेबाज़ी की। लेकिन मोदी सरकार नहीं चाहती थी कि संसद चले। यह बेहद असामान्य स्थिति है – विपक्ष चर्चा चाहता है लेकिन सरकार ही इससे भाग रही है। INDIA की पार्टियां संविधान को अपनाए जाने की 75वीं वर्षगांठ – जो पिछले हफ़्ते 26 नवंबर को थी – के अवसर पर संविधान पर दो दिवसीय चर्चा भी चाहती हैं। मोदी सरकार ने अभी तक चर्चा की तारीख़ को लेकर कोई सूचना नहीं दी है।