आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत के एक बयान से भाजपा घिर गई है। उन्होंने कहा कि हर जोड़ा कम से कम तीन बच्चे पैदा करे। उनके इस बयान के बाद विपक्षी दलों तथा सोशल मीडिया में आम लोगों ने सवालों की झड़ी लगा दी है।

आरएसएस प्रमुख ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि जरूरी है वर्ना समाज खतरे में पड़ जाएगा। जनसंख्या कम होने पर सभ्यताएं और समाज खत्म हो जाते हैं। उनके इस बयान पर भाजपा नेता फंस गए हैं। भाजपा सांसद मनोज तिवारी से पत्रकारों ने पूछा तो उन्होंने कहा कि संघ देशभक्त संगठन है। जब मोहन भागवत ने कहा है तो ठीक ही कहा होगा। इसी तरह के बयान दूसरे नेताओं ने भी दिए हैं।

इधर कांग्रेस प्रवक्ता डॉ शमा मोहम्मद ने कहा कि भागवत के बयान से स्पष्ट है कि महिलाओं के प्रति उनकी सोच क्या है। संघ और भाजपा नहीं चाहते कि महिलाएं आर्थिक रूप से आजाद हो सकें। महिलाओं की आत्मनिर्भरता उन्हें पसंद नहीं है। कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने कहा कि बच्चे किस तरह पाले जाते हैं, उन्हें क्या मालूम जिनके बच्चे ही नहीं हैं। तीन बच्चों की पढ़ाई, उनके स्वास्थ्य की व्यवस्था कौन करेगा। कई ने कहा कि वे माता-पिता की इकलौती संतान हैं और उन्हें इस पर गर्व है।

सोशल मीडिया में लोगों ने तंज भी किए हैं। कई ने कहा कि सबसे पहले संघ के स्वंयसेवकों को विवाह के लिए प्रोत्साहित करें। इधर अनेक लोगों ने  कहा कि बढ़ती बेरोजगारी से ध्यान हटाने के लिए ऐसे बयान दिए जा रहे हैं। महंगाई और बेरोजगारी अपने चरम पर। सरकार इसका समाधान नहीं कर पा रही है, इसलिए ऐसे बयान दिए जा रहे हैं।

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मालूम हो कि भाजपा समर्थक बेरोजगारी पर जनसंख्या को दोषी बताते रहे हैं। अब खुद जनसंख्या बढ़ाने की मोहन भागवत सलाह दे रहे हैं। यह एक विरोधाभास है या जनता को भ्रमित करने का नया तरीका।

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