अखिलेश ने डिंपल को नहीं, RLD के जयंत चौधरी को बनाया प्रत्याशी
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव में बनी एकता को पुख्ता करते हुए RLD अध्यक्ष जयंत चौधरी को राज्यसभा प्रत्याशी घोषित कर दिया।
आज सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी को राज्यसभा प्रत्याशी घोषित कर दिया। उन्होंने ऐसा करके उत्तर प्रदेश में विपक्ष की राजनीति को मजबूत करने का संदेश दिया। विधानसभा चुनाव में सपा और रालोद के बीच समझौता था। दोनों ने मिल कर चुनाव लड़ा था। सपा को 111 सीटों पर जीत मिली, जबकि रालोद को आठ सीटों पर सफलता मिली। आम तौर से चुनाव के बाद सब एक -दूसरे को भूल जाते हैं और अपनी पार्टी के नेताओं को ही एडजस्ट करने में लग जाते हैं, लेकिन अखिलेश यादव ने जिस तरह जयंत चौधरी को प्रत्याशी बनाया, उससे लगता है कि वे आनेवाले दिनों में राज्य की राजनीति में भाजपा को घेरने के किसी अभियान की शुरुआत करेंगे।
कुछ लोग मान रहे थे कि अखिलेश यादव अपनी पत्नी डिंपल यादव को राज्यसभा भेजेंगे, लेकिन उन्होंने ऐसे अटकलों पर विराम लगा दिया। उन्होंने पत्नी को टिकट नहीं दिया। इसे राजनीतिक विश्लेषकों ने सही कदम बताया है। इससे पहले अखिलेश यादव वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल को राज्यसभा का प्रत्याशी बना चुके हैं।
आज ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद में एक रैली को संबोधित करते हुए परिवारवाद पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि परिवारवादी पार्टियां सिर्फ परिवार के बारे में सोचती हैं। परिवार के विकास में लगी रहती हैं। एक तरह से अखिलेश यादव ने पीएम के आरोपों का भी अपने व्यवहार से जवाब दे दिया कि उनके लिए परिवार नहीं, पहली प्राथमिकता प्रदेश है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जिस तरह विधानसभा के भीतर तेवर दिखाएं हैं, उससे लोग मान कर चल रहे हैं कि जल्द ही यूपी की राजनीति में विपक्ष भाजपा सरकार को घेरने के लिए चौतरफा प्रयास शुरू करेगा।
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