बहुत दिनों के बाद बिहार कांग्रेस ने एक सराहनीय कार्य किया है। प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के नेतृत्व में गुरुवार की रात कांग्रेस की एक टीम नवादा के दलित परिवारों के बीच पहुंची, जिनका घर जला दिया गया है। कांग्रेस नेताओं ने पीड़ितों के बीच कपड़े, अनाज बांटे। हर परिवार को आर्थिक मदद भी दी। साथ ही कांग्रेस ने बड़ा एलान किया है कि अगर बिहार सरकार दलितों का घर नहीं बनाती है, तो कांग्रेस अपने खर्चे से सभी परिवारों का घर बना कर देगी। वहां घर रहने से ही उनका कब्जा साबित होगा। कांग्रेस ने कहा है कि वे महादलित परिवार को जमीन पर हक दिलाने के लिए हर तरह से मदद करेंगे। नेताओं ने चुनौती दी कि दलितों को उनकी जगह से कोई हटा नहीं सकता।
अब यह साफ हो चुका है कि नवादा के मांझी परिवारों का घर जमीन पर कब्जा के मकसद से जलाया गया। जमीन सरकारी है और उसे कुछ लोगों ने अपने नाम रजिस्ट्री करा ली है। वे चाहते हैं कि मांझी परिवार वहां से चला जाए। उनके वहां रहने से साबित होगा कि जमीन पर उनका कब्जा है। जमीन को लेकर न्यायालय में केस भी चल रहा है। इस जमीन पर कई दशकों से मांझी परिवार बसे हैं।अब कांग्रेस ने कहा है कि दलित परिवारों को कानूनी सहित हर तरह की मदद दी जाएगी।
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नवादा में कई दलों के नेता पहुंच चुके हैं। कल ही बिहार सरकार के मंत्री रत्नेश सदा भी पीड़ितों के बीच पहुंचे थे। लेकिन उन्होंने दलितों को कोई मदद या मदद का आश्वासन नहीं दिया। शुक्रवार को राजद की एक उच्च स्तरीय टीम भी नवादा के पीड़ितों के बीच पहुंची है। अभी तक केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी नवादा के दलितों के बीच नहीं पहुंचे है। वे केवल सोशल मीडिया पर घटना को राजनीतिक रंग देने में लगे। उन्होंने घटना के लिए लालू प्रसाद और उनकी जाति को दोषी बताया, जबकि आरोपितों में अधिकतर पासवान तथा चौहान हैं।
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