आखिर बना ही दिए गए नीतीश के पिता स्वतंत्रता सेनानी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पिता स्व. कविराज राम लखन सिंह को आखिरकार स्वतंत्रता सेनानी का दर्जी मिल ही गया। आज DM ने पुष्पांजलि अर्पित की।
कुछ ही दिनों पहले पूर्व IPS अमिताभ कुमार दास ने राज्यपाल को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पिता को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा देने को घोटाला कहा था। उन्होंने मुख्यमंत्री के पिता के बारे में पूछा था कि स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी क्या भूमिका रही है, कोई बताए।
अब आज Patna DM बख्तियारपुर में पांच स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में हुए राजकीय समारोह में पहुंचे और पुष्पांजलि अर्पित की। जिन पांच प्रतिमाओं पर उन्होंने पुष्पांजलि अर्पित की, उनमें एक प्रतिमा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पिता सव. कविराज रामलखन सिंह की है। पटना जिलाधिकारी ने खुद फोटो ट्वीट किए हैं। इनमें सबके नाम स्पष्ट पढ़े नहीं जा सकते। मुख्यमंत्री के पिता की प्रतिमा के नीचे स्व. कविराज स्पष्ट पढ़ा जा सकता है।
पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास ने बिहार के राज्यपाल फागु चौहान को लिखे पत्र में कहा था कि बिहार कैबिनेट ने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पिता स्व कविराज रामलखन सिंह को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा देते हुए उनकी प्रतिमा पर राजकीय समारोह करने का फैसला किया है।
दास ने अपने पत्र में लिखा था कि वे इतिहास के छात्र हैं। बरसों से आजादी की लड़ाई में कविराज रामलखन सिंह के योगदान को ढूंढ़ रहे हैं, लेकिन कोई योगदान नहीं मिला। गूगल ने भी इस मामले में कोई मदद नहीं की। पत्र में उन्होंने आगे लिखा है कि उन्हें स्वतंत्रता सेनानी घोटाले की बू आ रही है। ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री के पिता को जबरदस्ती स्वतंत्रता सेनानी घोषित किया जा रहा है।
स्व.कविराज रामलखन सिंह की प्रतिमा के नीचे स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान का जिक्र है, जो पूरी तरह पढ़ा नहीं जा सकता। लेकिन सुभाषचंद्र बोस के साथ उनके जुड़े रहने और एक साल से अदिक दिनों तक जेल में रहने का जिक्र दिख रहा है। अभी देखना है, जो लोग स्व. कविराज को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा देने पर सवाल उठा रहे थे, वे अब क्या कदम उठाते हैं।
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