अल्लाह हमें कठिनाइयों के रास्ते पर ले जाता है ताकि हमारे धर्य की परीक्षा ले सके
दुनिया में हमारे सामने जो भी कठिनाइयां आती हैं और जिनका हम सामना करते हैं.यह हमारी परीक्षा के मार्ग हैं. हमें इन चुनौतियों व कठिनाइयों को अवसर में बदलने की कोशिश करनी चाहिए.
हमें कठिनाइयों को पूरे धर्य के साथ ग्रहण करना चाहिए क्योंकि कुरान कहता है कि सर्वशक्तिमान अल्लाह अपने बंदों पर उसके बर्दाश्त करने से ज्यादा आजमाइश नहीं डालता.(2-286) और अल्लाह हममें से सब की आजमाइश करता है. हमें डर के साथ, भूख के साथ आजमाइश में डालता है. और उनके लिए खुशखबरी है जो धर्य रखते हैं.
हकीकत तो यह है कि पैगम्बर मोहम्मद साहब को भी अल्लाह ने तरह तरह की आजमाइशों में डाला. कभी उनकी जान पर आफत आई, कभी खाने के दाने-दाने के लिए मोहताज हुए तो कभी अन्य किस्म की मुश्किलों का सामना किया. इस्लाम ने इसी लिए धैर्य को काफई महत्व दिया है. इसलिए हमें हर हाल में मुश्किलों का सामना करना चाहिए और इसके खिलाफ कोई शिकवा नहीं करनी चाहिए. हमें तमाम संकटों से पार करने के लिए धीरज की जरूरत है और इसी में हमारे लिए कामयाबी है.
पैगम्बर मोहम्मद साहब हर मुसलमान के लिए रॉल मॉडल हैं. उन्होंने कभी अल्लाह के द्वारा खड़ी की गयी मुश्किलों की शिकायत नहीं की बल्कि मुश्किल समय में धीरज से काम लिया और अपने उम्मतियों को भी हिदायत की कि वे भी अल्लाह द्वारा दी गयी आजमाइश में साबित कदम बने रहें.
इसी तरह से हमें भी अपने मुश्किलात की घड़ी में साबित करदम रहना चाहिए और अपनी तकदीर से कोई शिकायत नहीं करनी चाहिए बल्कि हालात को बदलने की पूरी कोशिश करनी चाहिए.