अमरदी झा गौतम: गुरु-शिष्य की भारतीय परम्परा के वाहक

अपनी अलग सोच व अलग अंदाज की वजह से अमरदीप झा गौतम ने एलिट इंस्टीच्यूट को शिखर तक पहुंचा दिया है।

अमरदी झा गौतम: गुरु-शिष्य की भारतीय परम्परा के वाहक

बच्चों के साथ सपने देखना, उसके सपने बुनना और फिर उन सपनों को अंजाम तक पहुंचाने के लिए दिन-रात की मेहनत का ही नतीजा है कि हर साल एलिट इंस्टीच्यूट देश को बेहतर इंजीनियर और डॉक्टर देता रहा है.

पटना स्थित एलिट इंस्टिच्युट ( Elite Instittute) इंजीनियरिंग व मेडिकल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के अलावा प्लस टू के छात्रों का मार्गदर्शन करने वाला अपनी तरह का अनुठा संस्थान है. बाजारवाद की चकाचौंध से अलग छात्रों के साथ गुरु-शिष्य की परम्परा का निर्वाह करने वाला यह संस्थान न सिर्फ छात्रों को निखार कर उनके करियर की मंजिल तक पहुंचाता है ब्लकि उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक के सांचे में ढालता भी है.
संस्थान के निदेशक व फिजिक्स के विख्यात शिक्षक अमरदीप झा गौतम का गुरुमंत्र ही कुछ ऐसा है कि कोई भी उनके सानिध्य में आ कर अपने जीवन को संवार सकता है. वह कहते हैं;

सारा जीवन कालचक्र है,

आना-जाना यहां खेल है।

अपने उज्ज्वल लक्ष्य को देख,

रहा पुकार न कर अनदेख।

आशाओं के दीप जलाकर कर्म करो,

बस यही धर्म है !

तनाव में भी हंसना-हंसाना...

 18 वर्ष पूर्व चार छात्रों के साथ शुरू हुआ यह संस्थान आज वट्ट वृक्ष का रूप ले चुका है. और आज यह संस्थान बिहार ही नहीं बल्कि समूचे हिंदी पट्टी में सम्मान की नजरों से देखा जाता है.  अगर 2019 के रिजल्ट पर नजर डालें, तो 178 जेईई मेन, 23 जेईई एडवांस्ड, 69 नीट-मेडिकल में और 2018  में 165 जी-मेन में, 30 बच्चे जी-एडवांस  और नीट-2018 में 63 बच्चों को  क्वालिफाइड करवा चुके अमरदीप झा गौतम का सफर काफी लंबा है.
18 सालों से हर दिन बच्चों के बीच रहते, उनसे फ्रेंडली बातें करते, उनकी प्रॉब्लम को सुनते और फिर उस प्रॉब्लम को दूर करने में लग जाते।
इस दौरान एक बार भी उनके चेहरे पर थकान का भाव नहीं आता।एलिट इंस्टीच्यूट की सफलता के पीछे उनकी बेहतर सोच और बेहतर कर्म ही है कि वो आज बच्चों को बेहतर सुविधा के साथ-साथ बेहतर फ्यूचर प्रोवाइड करवा रहे हैं।
12 टीचर और 10 नन टीचिंग स्टॉफ के साथ मॉडर्न टीचिंग हब के रुप में तब्दील हो चुका एलिट इंस्टीच्यूट बच्चों के सवालों के जवाब पर खरा उतर रहा है। यहाँ पर इंजीनियरिंग और मेडिकल दोनों के ही एक्सपर्ट द्वारा इसकी पढ़ाई करवायी जाती है।

☆स्मार्ट स्टडी और प्रैक्टिकल-एप्रोच…

पटना में एलिट इंस्टीच्यूट  (Elite Institute)ऐसा पहला  संस्थान के रूप में सामने आया, जो अपने बच्चों की सुविधा और उसके ज्ञान को उन्हीं की लैंग्वेज में समझाने का ट्रेंड शुरू कर पाने में सफल हो पाया। एलिट अपने स्टूडेंट्स के लिए स्मार्ट-स्टडी के साथ-साथ मॉडर्न स्टडी-पैकेज भी मुहैया करवा रहा है।
बच्चों में स्पेसिफिक पोटेंशियल विकसित करने के लिए एलिट ने अब दसवीं पास स्टूडेंट्स को मेडिकल व इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए थ्री इयर कोर्स शुरू करवा रहा है. इस कोर्स का उद्देश्य छात्रों में बेसिक स्ट्रेंथ विकसित करना है ताकि प्रतियोगी परीक्षा में सफलता को सुनिश्चित करना और आसान हो सके.
☆सम्मान और पुरस्कार…

अमरदीप झा गौतम: कर्म ही धर्म के पोषक
2012 में स्थानीय न्यूज चैनल की ओर से बेस्ट मोटिवेटर का अवार्ड मिल चुका है।
2013 में विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के समूह द्वारा युवा शिक्षा सम्मान।
2014 में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए शिक्षा-रत्न पुरस्कार ।
2015 में आईनेक्सट-अखबार के द्वारा एजुकेशनल एचिवर्स-अवार्ड।
2015 में केन्द्रीय शिक्षा राज्यमंत्री से सरस्वती-सम्मान।
2016 में पत्र-पत्रिकाओं द्वारा लालबहादुर शास्त्री सम्मान।
2016 में युवा विज्ञान-विश्लेषक सम्मान।
2017 में जागरण-समूह द्वारा गुरु-सम्मान।
2018 में गैर-सामाजिक संगठन द्वारा युवा-दार्शनिक सम्मान।
2018 में चंपारण में युवा-कविरत्न सम्मान।
इस संस्थान के छात्रों में चहुमुखी विकास के लिए हर प्रयास किये जाते हैं और कोर्स को कुछ इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि छात्रों में सृजनशीलता विकसित की जा सके.
एलिट इंस्टीच्यूट के संस्थापक और डायरेक्टर अमरदीप झा गौतम ने बताया कि बच्चों के स्किल को अपडेट करने के लिए हर 45 दिनों पर बच्चों की काउंसिलिंग करायी जाती है।इसमें स्टूडेंट्स की इनर्जी, उसका लेवल, उसकी समझदारी का आंकलन करने के बाद उसकी कमियों को दूर करने की दिशा में भी काम किया जाता है।
☆मेधावी बच्चों को दी जाने वाली सुविधाएं…
– ज्ञानोदय योजना के अंतर्गत एलिट-21 प्रोग्राम चलाया जाता है।
इसमें वैसे 21 बच्चों का सेलेक्शन किया जाता है जो गरीब होते हैं।
उनके अंदर जबरदस्त मेधा रहती है, साथ ही उसके घर की वार्षिक आय एक लाख या उससे कम हो।
– गरीब बच्चों के लिए 25 परसेंट की स्कॉलरशिप दी जाती है.
– लड़कियों को पूरे साल बीस परसेंट की छूट उपलब्ध करवायी जाती है.
– 2019 से ग्रामीण-परिवेश के स्टूडेंट्स को कंप्यूटर की पढ़ाई और ऑनलाइन-टेस्ट के प्रैक्टिस के लिये कंप्यूटर-लैब की व्यव्स्था की जायेगी।
– प्रैक्टिकल-एप्रोच से फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथ और बायोलॉजी पढ़ाया जाता है।
इतना ही नहीं यह प्रयास किया जाता है कि सिर्फ कोचिंग हीं नहीं बल्कि सेल्फ स्टडी के लिए छात्र खुद को तैयार कर सकें. इसके लिए लाइब्रेरी, डिस्कशन हॉल, ऑन लाइन और ऑफ लाइन सिस्टम के साथ-साथ इंग्लिश की पढ़ाई भी मुहैया करवायी जा रही है।

☆योग-विज्ञान और कल्पना-शक्ति के सदुपयोग के प्रयोग.

   प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के क्रम में छात्रों को रोबोट या मशीनी मानव बनाने के बजाये उनमें मौलिक संवेदना विकसित करना और उनके शारीरिक व मानसिक विकसा का हर स्तर पर ध्यान रखना एलिट की परम्परा का हिस्सा है. इसलिए एलिट एक ऐसा संस्थान हो पाया, जहाँ छात्र-छात्राओं को नियमित-रुप से योगासन, प्राणायाम और ध्यान के प्रयोगों से उनको शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक संवर्धन का लाभ मिलता है। वहीं संस्थान के निदेशक अमरदीप झा गौतम का शोध “रिदमिक-एक्शन” के माध्यम से बच्चों को प्रकृति के साथ अपनी कल्पना-शक्ति को जोड़ना सिखाया जाता है।

अमरदीप झा गौतम: छात्रों के साथ दिन रैन

☆जनरल लाइफ के एग्जांपल से प्रॉब्लम दूर…

कुछ स्टूडेंट्स की शिकायत रहती है कि वे सवाल करने से डरते हैं। अगर सवाल करते हैं, तो सही जवाब नहीं मिल पाता है। लेकिन, एलिट इंस्टीच्यूट में बच्चों को आने वाले सब्जेक्टिव परेशानी को जनरल लाइफ के एग्जांपल देकर समझाया जाता है।
एलिट इंस्टीच्यूट के डायरेक्टर अमरदीप झा गौतम ने बताया कि “मेरे इंस्टीच्यूट में टीचर और स्टूडेंट के बीच के गैप को कम किया जाता है. फ्रेंडली माहौल होने की वजह से बच्चे आसानी से अपनी पढ़ाई कर पाते हैं, साथ ही उनके सवालों का सही- सही जवाब भी दिया जाता है”।

☆विरासत में मिला शिक्षण कार्य…

बेगूसराय के सांस्कृतिक व सामाजिक परिवेश से आगे बढ़ने के बाद अमरदीप झा गौतम पटना साइंस कॉलेज और बी.एच.यू. से अपनी पढ़ाई करने के बाद संघ लोकसेवा आयोग के लिये चुने गये, पर उन चीजों में मन नहीं लगने के कारण शिक्षण-कार्य में जुट गये।
अमरदीप झा गौतम के माँ और पिताजी भी बिहार-सरकार के सेवा-निवृत शिक्षक हैं, जिन्होनें लगभग 28 वर्षों तक बिहार की शिक्षा में अपना योगदान दिया। ऐसे में श्री गौतम ने शिक्षण का दायित्व विरासत के तौर पर ग्रहण किया।
☆प्रोफाइल :
नाम- अमरदीप झा गौतम
प्रख्यात शिक्षाविद, फिजिक्स-टीचर, कॅरियर-काउंसलर, साहित्यकार, सामाजिक कार्यकर्ता, राजनीति-विश्लेषक सामाजिक चिंतक और एलिट इंस्टीच्यूट के संस्थापक और निदेशक ।
☆अमरदीप झा गौतम के बारे में कुछ खास बातें:
पिता – श्री तेज नारायण झा.
माता – श्रीमति नगीना झा.
जन्म तिथि – 12 फरवरी, बेगूसराय.
शौक – भौतिकी पढ़ाना, काव्य-लेखन और वाचन, गजल लिखना, किताबें पढऩा, सामाजिक-जागरुकता को बढ़ाना।
फेवरेट मूवी – पेज थ्री, आँधी, ब्लैक, डोर, पिंजर, आमिर, बाहुबली, मणिकर्णिका.
बेस्ट एक्टर – अमिताभ बच्चन.
बेस्ट एक्ट्रेस – कोंकणा सेन और कंगना राणावत.
गजल – जगजीत सिंह और गुलाम अली.
फेवरेट नॉवेल – कर्मभूमि, गोदान, दिनकर और निराला की कवितायें, जयशंकर प्रसाद की कामायनी, वाजपेयी जी की मेरी “इक्यावन कवितायें” का संग्रह शामिल हैं।
इंस्पायरिंग पर्सन – अमिताभ बच्चन, हरेक पल ऐसा लगता है कि वो कुछ न कुछ सीख रहे हैं… जिज्ञासा है।
आंधियां बहुत तेज हैं कुछ दीप झिलमिलाते हैं !
ये वही हैं जो अंधेरों से रौशनी चीर लाते हैं !!
वह फिजिक्स के विख्यात शिक्षक हैं और बच्चों को खेल-खेल में फिजिक्स को आसान बना कर समझाने के हुनर में माहिर हैं।

☆फिजिक्स से सोशल एक्टिविटी तक…

एलिट इंस्टीच्यूट के डायरेक्टर अमरदीप झा गौतम को जब भी मौका लगता है कि वो सोसायटी के गंभीर मसलों पर अपनी कलम भी भिंगोने लगते हैं।फिजिक्स के जानकार अमरदीप झा गौतम एक साथ कई विधाओं में महारत रखते हैं।मसलन उनकी लिखी नाटक ‘आम्रपाली’, ‘सुदामा’, ‘मेरी आवाज’, ‘चंदर-पृथ्वी’, ‘शबरी’ ‘सीता’ और ‘द्रौपदी’ ने उनकी लेखनी और उनके विचारों को बहुआयामी सिद्ध किया।
वहीं उनकी कवितायें, शायरी की बेहद रोमांचकारी प्रस्तुति लोगों को झूमने पर विवश कर देती है।गाना लिखने का शौक और उसकी अदायगी एलिट इंस्टीच्यूट के एनुअल-फंग्शन में दिख जाती है।

☆एनुअल फंक्शन की मस्ती… 

एनुअल फंक्शन में अपने लिखे गीत, नाटक, भाषण और काव्य पाठ के साथ उसे बच्चों की आवाज में पिरोकर पेश करवाया जाता है।
समाज के विभिन्न-वर्गों के विभूतियों और देश के लिये समर्पित व्यक्तियों को “सरस्वती-सम्मान”, “प्रतिभा-सम्मान” और “बाबा-नागार्जुन सम्मान” से अलंकृत किया जाता है। स्वभाव से निर्मल अमरदीप झा गौतम ने बताया कि हरेक के अंदर एक्टर छिपा रहता है. ऐसे में उसे उभार कर निकालने का दायित्व भी हम जैसे लोगों का ही है, इसलिए इस दिन को भी बच्चे काफी यादगार बनाते हैं और मैं भी इसमें जमकर जुट जाता हूँ।

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427