केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में मिली सफलता की सराहना करते हुए आज कहा कि जंगलों में आग लगने की घटनाओं पर काबू पाने में विशेषज्ञता हासिल करने की जरूरत है।
श्री शाह ने शनिवार को यहां आपदा मोचन बलों के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भले ही आपदा प्रबंधन एजेन्सियों ने विभिन्न आपदाओं से निपटने के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य किया है लेकिन ग्लोबल वार्मिंग के कारण जंगलों में आग लगने की घटनाओं पर काबू पाने में विशेषज्ञता हासिल करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें दुनिया भर में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाओं से जंगलों में आग लगने पर आपदा प्रबंधन के बारे में विशेषज्ञता हासिल करनी होगी। इससे देश अपनी जरूरतों के अनुसार इन घटनाओं से निपटने की व्यवस्था शुरू कर सकेगा। उन्होंने कहा कि यदि हम अपने जंगलों , पेड़ों और वन्यजीवों को बचा सकें, तो यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नये भारत का ‘विजन’ लेकर चले हैं जिसका लक्ष्य हर क्षेत्र में देश को सर्वश्रेष्ठ बनाना है। आने वाले दिनों में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भी भारत को दुनिया का नेतृत्व करना है और सभी को यह संकल्प लेकर आगे बढ़ना चाहिए। आपदा प्रबंधन से जुड़े एक-एक व्यक्ति में त्याग, बलिदान और सेवा का भाव होना चाहिए।
गृह मंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंंधन के काम में आने वाले उन्नत उपकरणों को देश में ही बनाने की जरूरत है जिससे कि हम दुनिया का इस क्षेत्र में नेतृत्व कर सकें और भारत का मॉडल मिसाल बन सके। उन्होंने कहा कि आपदा के समय अलग-अलग एजेंसियों को साथ आना होता है लेकिन ‘चेन ऑफ कमांड ’ स्पष्ट नहीं होने से काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन के सभी अंग इकट्ठे बैठ कर आपदा के समय किसकी क्या भूमिका होगी, वह पहले से तय कर लें ताकि आपदा के समय हमें मुश्किलों का सामना न करना पड़े।