अंकिता मामले में संघी का शर्मनाक बयान, हुई छीछालेदर
अंकिता भंडारी की हत्या पर आरएसएस कार्यकर्ता का शर्मनाक बयान। कहा, जो बाप 19 साल की बेटी की कमाई खाता हो… कच्चे दूध को बिल्लों के सामने रखता हो…।
उत्तराखंड ही नहीं देशभर में अंकिता भंडारी की हत्या से रोष है। लोग उसके दुखी पिता के साथ खड़े हो रहे हैं। इस बीच एक आरएसएस कार्यकर्ता विपिन कर्णवाल ने ट्वीट किया-मैं इसलिए किसी कैंडल मार्च में नहीं गया, बाजार बंद कराने में नहीं गया। जो बाप और भाई 19 साल की लड़की की कमाई खाता है, जिसकी बेटी और बहन सुनसान जंगल के रिजॉर्ट में काम करती हो, जहां अय्याशी होती है। सबसे बड़ा गुनहगार तो ऐसी लड़की का बाप है जो कच्चा दूध भूखे बिल्लों के सामने रख दी। उसके लिए क्या सड़कों पर चिल्लाना, जो बाद भी लड़की की लाश भी बेच दे..।
जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष मोहित पांडे ने इस शर्मनाक बयान पर तीखा हमला करते हुए कहा-एक लड़की जिसके साथ इतना बड़ा अपराध हुआ उसकी तुलना कच्चे दूध से केवल RSS के तथाकथित संस्कारी लोग ही कर सकते हैं। मोहन भागवत के संस्कारी गैंग के सदस्य की अंकिता भंडारी व उसके परिवार के लिए भाषा देखिए। पत्रकार रमेश भट्ट ने लिखा-इस मानसिकता से कैसे लड़ेंगे।एक पिता जिसने अभी अभी अपनी 19 साल की बेटी को खो दिया हो।उसके लिए ऐसी भाषा का इस्तेमाल। हम कहाँ जा रहे हैं।हर उत्तराखंडी को बेटी की शिक्षा और सुरक्षा के लिए खड़ा होना पड़ेगा।
इस बीच भाजपा नेता के बेटे के रिजॉर्ट में काम करनेवाली एक पूर्व स्टाफ ने कहा कि उस रिजॉर्ट में पहले से ड्रग्स और वेश्यावृत्ति कराई जाती थी। लोग एक बड़ा सवाल यह भी उठा रहे हैं कि आखिर वह कौन वीआईपी था, जिसके लिए अंकिता भंडारी पर दबाव बनाया गया। पुलिस इस मामले में चुप है, इसलिए लोग कह रहे हैं कि पुलिस मामले की लीपापोती करने में लगी है। यह भी आश्चर्य है कि अंकिता के कमरे को बुलडोजर से ढाह दिया गया, लेकिन सरकार कह रही है कि उसने नहीं ढाहा। यहां भी सवाल है कि सबूत को नष्ट करने के मकसद से ऐसा किया गया।
बहरहाल, पहले की तरह यहां भी भाजपा और संघ की भूमिका से महिलाओं के प्रति उसके विचार सबके सामने हैं। सोचिए।
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