बेरोजगारी पर हल्ला बोल, भारत रोजगार संहिता बनाने की मांग

युवा नेता अनुपम के नेतृत्व में 16 अगस्त से जारी बेरोजगारी के खिलाफ हल्लाबोल यात्रा पटना में समाप्त। सम्मेलन में 30 जिलों के प्रतिनिधि।

युवा नेता अनुपम के नेतृत्व में 16 अगस्त से जारी बेरोजगारी के खिलाफ हल्लाबोल यात्रा का समापन पटना में युवा सम्मेलन से हुआ। सम्मेलन में लगभग 30 जिलों के प्रतिनिधियों समेत जाने माने समाजवादी नेता प्रो आनंद कुमार, पूर्व सीआईसी यशोवर्धन आजाद, बैंक यूनियन के वरिष्ठ नेता सुनील कुमार, पूर्व पत्रकार और जेपी सेनानी दिनेश कुमार, छात्रों को कोचिंग दे रहे सुधीर सिंह, एसके झा के अलावा कई वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। सम्मेलन दो दिन पहले रविवार को पटना में संपन्न हुआ।

युवा हल्लाबोल के कार्यकारी अध्यक्ष गोविंद मिश्रा, राष्ट्रीय महासचिव व यात्रा प्रभारी प्रशांत कमल, राष्ट्रीय महासचिव रजत यादव,गुजरात के नेता अर्जुन मिश्रा समेत कई पदाधिकारियों ने भी अपने विचार रखे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम ने कहा कि बेरोज़गारी जीवन मरण का सवाल बन चुका है। युवा वर्ग अपना भविष्य अंधकार में देखकर हताश है। युवाओं की आत्महत्या आम बात होती जा रही है। यह देश का सबसे बड़ा मुद्दा होना चाहिए था। लेकिन युवाओं की पीड़ा को विमर्श से ही गायब कर दिया गया है।

सभा को संबोधित करते हुए प्रो आनंद ने कहा कि आज ज़रूरत है कि युवाओं को हताशा से निकाल कर उम्मीद की किरण दी जाए। देश को निराशा से समाधान की तरफ ले जाया जाए। बेहतर भविष्य और रोज़गार के लिए सरकार से भरोसा चाहिए। यह भरोसा है ‘भारत रोज़गार संहिता’ जो बेरोज़गारी के खिलाफ शुरुआती कदम हो सकते हैं। इसे गांव गांव तक ले जाने का संकल्प लिया।

‘भारत रोजगार संहिता’ के तीन मुख्य बिंदु हैं:

1) सरकारी भर्तियों में ‘मॉडल एग्जाम कोड’ लागू करके 9 महीने में विज्ञापन से नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी करो, रिक्त पड़े सभी सरकारी पदों को तुरंत भरो, पेपर लीक, धांधली या देरी जैसे मामलों में स्पष्ट जवाबदेही तय हो, मॉडल कोड का पालन न होने पर अभ्यर्थियों को मुआवजा मिले
2) हर नागरिक को रोजगार की गारंटी हो
3) देश की संपत्तियों को बेचकर बड़े धन्नासेठों को फायदा देना बंद हो, स्कूल अस्पताल को गरीबों की पहुँच से बाहर करने वाली नीतियां बंद करो। रेलवे को बेचने की बजाए खाली पदों पर जल्द भर्ती करो, सेना विरोधी ‘अग्निपथ’ स्कीम वापिस लो और नियमित नौकरियों में ठेका प्रथा बंद करो
इसी आंदोलन की ज़मीन तैयार करने लिए अनुपम के नेतृत्व में 16 अगस्त से ‘हल्ला बोल यात्रा’ निकाली गयी। चंपारण से शुरू कर पूरे बिहार की यात्रा की गयी जिसका समापन 25 सितंबर को पटना में युवा सम्मेलन के साथ हुआ।

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