इर्शादुल हक, संपादक, नौकरशाही डॉट कॉम
#WaqfAct में संशोधन के बाद क्या मोदी सरकार पिछड़े मुसलमानों के हक के नाम पर एक और कानूनी संशोधन करने को तैयार है ?
यह एक बड़ा सवाल आज उभर कर सामने आया. आगे बढ़ने से पहले बता दूं कि अगर इस तरह का कोई संशोधन मोदी सरकार लाती है तो यह एक ऐसा ऐतिहासिक कदम होगा जिसे बड़े पैमाने पर मुसलमान स्वागत कर सकते है.
इस मांग को ले कर आज पटना में एक बड़ी कांफ्रेंस हुई. कांफ्रेंस की खास बात यह थी कि मोदी सरकार के नुमाइंदे के तौर पर, गवर्नर #arifmohammadkhan कांफ्रेंस में शुरू से ले कर आखिर तक जमे रहे. उन्होंने जम कर कुरान के हवाले पर हवाले दिये. कुरान की आयतों को अरबी में सुनाया और उसकी व्याख्या की.
#EjazAli पिछले कई वर्षों से यह मांग उठा रहे हैं कि प्रेवेंशन ऑफ एट्रोसिटीज ऐक्ट में अल्पसंख्यक समुदायों के पिछड़े वर्ग को शामिल किया जाये. फिलवक्त इस ऐक्ट में केवल एससी-एसटी वर्ग के लोग शामिल हैं. एजाज अली मानते है कि 1989 में बने इस ऐक्ट ने दलित अत्याचार पर काफी हद तक रोक लगाया है. उनका मत है कि अगर इसमें दलित मुसलमानों को शामलि कर लिया जाता है तो साम्प्रदायिक दंगों पर रोक लगाने में मदद मिलेगी.
#मिल्लत_बचाव_मुल्क_बचाव कांफ्रेंस में यह मांग जोरदार उठी. समझा जाता है कि आरिफ मोहम्मद खान इस सिलसिले में केंद्र से बात करेंगे.
आइय आज इसी विषय पर हक की बात देखिए. यूट्यूब विडियो लिंक कमेंट बाक्स में है.