एपी पाठक ने व्रतियों के बीच बांटी साड़ी, मातृभूमि में मनाया छठ

बाबु धाम ट्रस्ट के संस्थापक एपी पाठक व अध्यक्षा मंजुबाला पाठक ने अपनी मातृभूमि बडगो में व्रतियों के बीच डाला, साड़ी व पूजन सामग्री बांटी। खुद भी की छठ पूजा।

बाबु धाम ट्रस्ट के संस्थापक एपी पाठक और ट्रस्ट की अध्यक्षा मंजुबाला पाठक ने अपने मातृभूमि बडगो में दर्जनों छठव्रतियों के बीच डाला, साड़ी और अन्य पूजन सामग्री बांटा। सर्वविदित हो कि बाबु धाम ट्रस्ट के संस्थापक एपी पाठक और अध्यक्षा मंजुबाला पाठक हर साल अपने चंपारण में छठव्रतियों के बीच डाला, साड़ी और अन्य पूजन सामग्री वितरित करते हैं। इस साल भी हर साल की भांति छठव्रतियों के बीच डाला साड़ी और अन्य पूजन सामग्री वितरित किए।

बाबु धाम ट्रस्ट की अध्यक्षा मंजुबाला पाठक पिछले आठ साल से छठ पूजा करते आ रही है। जर्मनी में पली बढ़ी मंजूबाला पाठक अपने ससुराल चंपारण में सारे रीति रिवाज को मानते हुए सारे संस्कारों और परंपराओं का पालन करती है।

बाबु धाम ट्रस्ट के संस्थापक को अपनी मिट्टी से बहुत लगाव है और पिछले एक दशक से अधिक समय से एपी पाठक अपने बाबु धाम ट्रस्ट के माध्यम से गरीबों, पीड़ितों और महिलाओं की सेवा करते आ रहे है। साथ ही विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमो में पुरी आस्था से शामिल होते रहे है और उसका निर्वहन करते रहे है।आज उसी के उपलक्ष्य में बाबु धाम ट्रस्ट के संस्थापक छठव्रतियो के बीच छठ सामग्री वितरित किए।
यह वितरण कार्यक्रम छठ घाट पर भी होगा।

पाठक दंपति ने मातृभूमि में धूमधाम से मनाया छठ

बाबु धाम ट्रस्ट के संस्थापक एपी पाठक और अध्यक्षा मंजुबाला पाठक ने धूमधाम से अपने मातृभूमि चम्पारण के बड़गो में लोक आस्था का पर्व छठ मनाया। इससे पूर्व पाठक दंपति ने छठव्रतियों के बीच डाला, साड़ी और अन्य पूजन सामग्री बांटी। साथ ही पाठक दंपति ने अपने ट्रस्ट कार्यकर्ताओं के बीच ट्रैक सूट भी बांटा।

सर्वविदित है कि भारत सरकार में अधिकारी रहे और वर्तमान में नेक्स जेन एनर्जिया के एमडी एपी पाठक और उनकी धर्मपत्नी मंजुबाला पाठक हर साल की भांति इस साल भी छठ पूजा में पुरे रीति रिवाज का पालन करते हुए छठव्रतियों के बीच भगवान भास्कर को अर्घ्य दिए।

इससे पूर्व मंजुबाला पाठक ने छठ का प्रसाद अपने हाथो से बनाया और सारे रीति रिवाजों का पालन किया। जर्मनी में पली बढ़ी मंजूबाला पाठक को अपने बिहार और चम्पारण से इतना लगाव है कि हर समय वो चम्पारण आते रहती है और लोगों से मिलती जुलती है साथ ही लोगों की दुख दर्द बांटती है।

ज्ञातव्य हो कि बाबु धाम ट्रस्ट पिछले एक दशकों से अधिक समय से चम्पारण में गरीबों, दलितों और पीड़ितों की सेवा करते आ रही है। पाठक दंपति ने इस साल भी पूरे संस्कार,रीति रिवाज और परंपराओं का पालन करते हुए अपने बिहारी होने को काफी गौरवान्वित महसूस किया।

आधी रात को नहीं, आज भी नहीं, कल मोरबी जाएंगे PM

By Editor


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