बक्सर के निवर्तमान भाजपा सांसद Ashwini Choubey ने अब खुल कर बगावत कर दी है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि बक्सर से मैं ही रहूंगा। कोई दूसरा वहां नहीं रहेगा। अभी वहां नामांकन नहीं हुआ है। वे भागलपुर में अपने समर्थकों के बीच बोल रहे थे। इससे पहले भाजपा नेता और भोजपुरी गायक पवन सिंह ने कल बगावत की थी। उन्होंने काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। इस तरह काराकाट और बक्सर की दोनों ही सीटें फंस गई हैं और एनडीए के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है।
Ashwini Choubey की नाराजगी गुरुवार को फट कर बाहर आ गई। इससे पहले उन्होंने टिकट काटे जाने पर सवाल उठाया था। उदास होकर कहा था कि उनका दोष सिर्फ यह है कि वे ब्राह्मण हैं। आज वे एक कदम आगे बढ़ गए। उन्होंने कहा कि उनके साथ षडयंत्र किया गया है और वे षडयंत्र करने वालों को नंगा करके रख देंगे। इसी के साथ उन्होंने चुनावी अखाड़े में ताल ठोक दिया। स्पष्ट घोषणा कर दी कि बक्सर में मैं था और बक्सर में मैं ही रहूंगा। मालूम हो कि भाजपा ने यहां से उनका टिकट काट कर मिथलेश तिवारी को प्रत्याशी बनाया गया है।
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Ashwini Choubey की बगावत को को प्रधानमंत्री मोदी के जादू उतरने के रूप में भी देखा जा रहा है। अबतक बिहार में भाजपा के किसी नेता की हिम्मत नहीं थी कि वह प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के फैसले पर उंगली उठा दे। अब पहली बार एक साथ बक्सर तथा काराकाट में मोदी-शाह के फैसले के खिलाफ उनके नेताओं ने बगावत कर दी है। Ashwini Choubey से पहले पवन सिंह काराकाट से चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं। पार्टी ने उन्हें आसनसोल से टीएमसी प्रत्याशी शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ मैदान में उतारा था, पर पवन सिंह ने टिकट लौटा दिया। Ashwini Choubey को हिंदुत्व का चेहरा माना जाता था। अब उनकी बगावत से बक्सर में भाजपा प्रत्याशी को भारी नुकसान हो जाए, तो आश्चर्य नहीं।