असम बर्बरता : दरांग में कांग्रेस का प्रतिवाद, कल दिल्ली में प्रदर्शन

असम के दरांग में पुलिस बर्बरता के खिलाफ घटनास्थल पर हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता प्रतिवाद कर रहे हैं। कल इसी मुद्दे पर दिल्ली में प्रतिवाद सभा।

असम में जिस प्रकार निहत्थे ग्रामीण को पुलिस ने गोली मारी और उसके बाद जिस प्रकार एक फोटेग्राफर मृत शरीर पर डांस कर रहा था, उससे पूरा देश हिल गया है। इनेक लोगों ने इसे टीवी चैनलों के जरिये एक धर्म विशेष के खिलाफ लगातार विष फैलाने का परिणाम कहा है। लोगों ने यह भी कहा कि वह फोटोग्राफर हर जगह मौजूद है।

असम के दरांग में पुलिस फायरिंग में दो लोगों की मौत और फिर शव पर बर्बर ढंग से नाचने के खिलाफ कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ता घटनास्थल पर सुबह से प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेस ने कहा है कि इस बर्बरता के खिलाफ पूरे असम में प्रतिवाद होगा।

इधर, आज दिल्ली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कल 25 सितंबर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन का एलान किया है।

कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का असम राज्य नेतृत्व दरांग पहुंचा हुआ है और वहां लगातार विरोध प्रदर्शन चल रहा है। लोकतंत्र को बंदूक की गोली से कुचलने वाली सरकार के खिलाफ़ धरना जारी रहेगा। @INCMinority भी इस घटना के विरोध में लगातार प्रदर्शन करेगा। प्रतापगढ़ी ने असम में घटनास्थल पर हो रहे प्रतिवाद का वीडियो भी शेयर किया है।

भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने दिल्ली के सभी संवेदनशील लोगों से कल जंतर-मंतर पर जुटने और दरांग में बर्बरता के खिलाफ आवाज बुलंद करने की अपील की है। उन्होंने असम के मुख्यमंत्री के भाई दरांग एसपी को गिरफ्तार करने की मांग की है। उन्होंने एक पोस्टर जारी किया है, जिसमें धार्मिक भेदभाव के करते हुए बेदखली किए जाने का विरोध किया है।

दीपंकर ने कहा कि अगर धार्मिक भेदभाव के साथ इस प्रकार हिंसा होगी, तो असम ही नहीं, पूरा देश बर्बाद हो जाएगा। उन्होंने असम बर्बरता के खिलाफ पूरे देश में विरोध की अपील की।

अरुणाभ साइकिया ने मृतकों में से एक का आधार कार्ड शेयर किया है। यह 12 साल का शेख फरीद है, जिसके पॉकेट में आधार कार्ड मिला। वह पोस्टऑफिस से आधार कार्ड लेकर लौट रहा था। @makesyoucakes ने लिखा है- दूसरे मृतक मोइनुल का नाम एनआरसी में था। उसके पास आधार कार्ड भी है। इन्हीं दो आधारों पर लाखों लोगों को असम में परेशान होना पड़ा था।

राकेश टिकैत, पत्रकार राणा अयूब ने यूएस प्रेसिडेंट को भेजा संदेश

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427